वेलकम बैक ने मुझे फिट और जवां दिखने में मदद की : अनिल कपूर
फिल्म ‘वेलकम बैक’ के वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर के अवसर पर बॉलीवुड के चिरयुवा और जोशीले सुपरस्टार अनिल कपूर ने एक खास बातचीत में टीवी जगत से लेकर अपने को-स्टार्स तक, और फिल्मों से जुड़े अनुभव और कई अन्य विषयों पर खुलकर अपनी राय रखी।
सवाल – इतनी सारी फिल्में करने के बाद आप कॉमेडी में सफल रहे हैं? क्या आपको लगता है कि कॉमेडी करना आसान है?
मेरी अन्य फिल्में भी सफल रही हैं लेकिन मुझे लगता है कि दर्शकों को कॉमेडी और कमर्शियल फिल्में ज्यादा पसंद आई हैं। शायद यह मेरे चेहरे से ही झलकती है। मुझे याद है स्कूल के दिनों में मेरी टीचर मुझे जंगली कहकर बुलाती थीं। मुझे लगता है मैं ऐसा ही दिखता हूं। मेरे टपोरी वाले किरदार ज्यादा सफल रहे हैं।
सवाल – ‘वेलकम बैक’ की बॉक्स ऑफिस सफलता के बाद इस फिल्म के टीवी प्रीमियर को लेकर आपकी क्या उम्मीदें हैं?
वेलकम की दोनों ही फिल्मों में भरपूर पारिवारिक मनोरंजन है और इसलिए दोनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर जबर्दस्त सफल रहीं। लोगों ने वेलकम के पहले भाग को भी काफी पसंद किया। इसे टेलीविजन पर भी उतनी ही सफलता मिली। मैं ऐसे लोगों को भी जानता हूं जिन्होंने टीवी पर इस फिल्म को 30-40 बार देखा है और आज भी इसे देखते हैं। उम्मीद है वेलकम बैक भी टीवी दर्शकों की अपेक्षाओं पर खरी उतरेगी।
सवाल – ‘वेलकम बैक’ में कुछ अजीबोगरीब संवाद हैं? इन्हें फिल्माना कैसा रहा?
लोगों को लगता है कि कॉमेडी करना आसान है और ऐसे डायलॉग बोलने में कोई प्रयास नहीं करना पड़ता है लेकिन यह सच नहीं है। दरअसल, ऐसी लाइनें बोलने के लिए आपको बेहद सहज होना पड़ता है। ‘वेलकम बैक’ की खासियत यह है कि इसमें फूहड़ कॉमेडी नहीं है। यह सिचुएशन पर आधारित हास्य है और इसमें हंसी के पल भी वास्तविक हैं। ये ऐसी फिल्म है जो आपका तनाव दूर करके आपको फिल्म देखने का शानदार अनुभव कराएगी।
सवाल – अपने आपको इतना यंग और फिट कैसे बनाए रखते हैं?
इसका कोई राज नहीं है। मैं सिर्फ उन लोगों के साथ काम करना पसंद करता हूं जो मुझे युवा होने का एहसास कराते हैं। ‘वेलकम’ और ‘वेलकम बैक’ निश्चित रूप से दो ऐसी ही फिल्में हैं जिसने मुझे युवा एहसास कराया। पर्दे पर मजनू भाई का किरदार पूरी विश्वसनीयता के साथ पेश करने के लिए मुझे युवा दिखना था। इसलिए इस किरदार ने मुझे फिट रहने के लिए प्रेरित किया।
सवाल – फिल्म की शूटिंग करना वैसे तो मजेदार होता है लेकिन इनकी अपनी चुनौतियां है। क्या आपको ‘वेलकम बैक’ की शूटिंग के दौरान ऐसी कोई चुनौती पेश आई?
वेलकम बैक की शूटिंग करते हुए मुझे मुंबई के मौसम की सबसे बड़ी चुनौती महसूस हुई। उस समय वहां बेहद उमस भरा मौसम था और हम लोग शूटिंग के दौरान पसीने से नहा गए थे। लेकिन काम तो करना ही था, इसलिए मैंने एक तरकीब अपनाई। ब्रेक के दौरान मैं ‘ऊटी’ शब्द कहता रहता था ताकि इस हिल स्टेशन का नाम मुझे ठंडा रख सके। इसी तरह मैं लोगों को ‘स्विट्जरलैंड’ बोलने की सलाह देता था यदि उन्हें वो जगह पसंद हो तो। आखिरकार कुछ भी नहीं बदला और जगह मुंबई ही रही और वहां का मौसम हमें ऐसे ही बदहाल करता रहा। लेकिन यह सबकुछ मस्ती करते हुए गुजर गया।
सवाल – आपका और नाना पाटेकार का हमेशा प्यार और तकरार का रिश्ता रहा है? वेलकम बैक के बाद इस रिश्ते में क्या बदलाव आया?
वेलकम और वेलकम बैक के बाद उन्होंने मुझे करीब से जाना और कहा कि उन्हें मुझमें एक दोस्त मिल गया है। मुझे यह सुनकर अच्छा लगा। नाना एक शानदार एक्टर हैं। उनके काम पर उनकी पकड़ अद्भुत है।