टीम इंडिया ने लगाईं जीत की हैटट्रिक
संयुक्त अरब अमीरात को 9 विकेट से रौंदा
पर्थ : आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की अगुवाई में वाका की तेज और उछाल वाली पिच पर भारत ने शनिवार को यहां संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को क्रिकेट का कड़ा सबक सिखाया और नौ विकेट की धमाकेदार जीत से विश्व कप क्रिकेट में अपना अजेय अभियान जारी रखा। वाका पर पहले बल्लेबाजी का फैसला करते हुए यूएई के बल्लेबाज पिछले दो मैचों की तरह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाये और भारतीयों की प्रभावशाली गेंदबाजी के सामने उसकी टीम 31.3 ओवर में 102 रन पर आउट हो गयी।
यह विश्व कप में भारत के खिलाफ सबसे कम स्कोर है। भारतीय टीम ने एक विकेट पर 104 रन बनाकर रिकार्ड 187 गेंद शेष रहते हुए बड़ी आसानी से लक्ष्य हासिल किया। पिछले दो मैचों में अनुकूल प्रदर्शन नहीं कर पाने वाले रोहित शर्मा (नाबाद 57) ने आगे के बड़े मैचों से पहले बल्लेबाजी का अभ्यास किया जबकि विराट कोहली (नाबाद 33) ने भी बल्लेबाजी की औपचारिकता निभायी।
शिखर धवन (14) के आउट होने के कारण भारत विश्व कप में दूसरी बार दस विकेट से जीत हासिल करने से महरूम रह गया लेकिन लगातार तीसरी जीत से वह पूल ए में छह अंक के साथ शीर्ष पर बना हुआ है। यूएई का यह तीसरा मैच था लेकिन उसे अब भी अपनी पहली जीत का इंतजार है। गेंदबाजों ने भारत की यह जीत आसान बनायी। अश्विन ने 6.3 ओवर में 25 रन देकर चार विकेट लिये।
उन्होंने अपने करियर में पहली बार पारी में चार विकेट लिये। उन्हें उमेश यादव (15 रन देकर दो विकेट), इस मैच से वापसी करने वाले भुवनेश्वर कुमार (19 रन देकर एक विकेट), इस सत्र की खोज मोहित शर्मा (16 रन देकर एक विकेट) और रविंद्र जडेजा (23 रन देकर दो विकेट) का अच्छा साथ मिला। यूएई के केवल तीन बल्लेबाज दोहरे अंक में पहुंचे जिनमें अच्छी फार्म में चल रहे शैमन अनवर ने सर्वाधिक 35 रन बनाये।
धवन ने हालांकि नवीद के अगले ओवर में बैकवर्ड प्वाइंट पर कैच थमा दिया जिससे भारत विश्व कप में दूसरी बार दस विकेट से जीत हासिल करने से वंचित हो गया। भारत ने 1975 में पहले विश्व कप में ईस्ट अफ्रीका को दस विकेट से हराया था। कोहली और रोहित ने हालांकि आगे कोई विकेट नहीं गिरने दिया। ये दोनों खिलाड़ी आसानी से रन बटोर रहे थे। भारत ने 16 ओवर में एक विकेट पर 88 रन बनाये थे और वह लक्ष्य से केवल 15 रन दूर था तब ब्रेक लिया गया।
रोहित ने इसके बाद तौकिर पर ही प्वाइंट क्षेत्र से चौका लगाकर वनडे में अपना 24वां और विश्व कप में पहला अर्धशतक पूरा किया। उन्होंने यूएई के कप्तान पर लांग आफ पर चौका जड़कर जीत की औपचारिकता पूरी की। भारत ने 18 . 5 ओवर में लक्ष्य हासिल किया और इस तरह से उसने विश्व कप में सबसे ज्यादा गेंद शेष रहते हुए अपनी जीत का नया रिकार्ड बनाया। भारत ने 1975 में ईस्ट अफ्रीका को 181 गेंद शेष रहते हुए हराया। भारत की यह वनडे में 440वीं जीत है और इस तरह से उसने पाकिस्तान की बराबरी की। इन दोनों से अधिक जीत केवल आस्ट्रेलिया (523) ने हासिल की हैं।
यूएई ने टास जीतकर जब पहले बल्लेबाजी का फैसला किया तो अपनी तेजी और उछाल के लिये मशहूर वाका के विकेट पर धोनी ने अपनी धीमी गति के गेंदबाजों से अपने कमजोर प्रतिद्वंद्वी को चित किया। यूएई के बल्लेबाजों को अश्विन की गेंदों का कोई अनुमान नहीं था। वे अश्विन की सीधी गेंद और पारपंरिक आफ ब्रेक किसी को भी ढंग से नहीं खेल पाये। ‘दूसरा’ को तो वे पढ़ ही नहीं पाये।
भुवनेश्वर ने अमजद अली (4) को आउट करके शुरुआत की जिन्होंने हुक शाट खेलकर विकेट गंवाया। उनके साथी एंड्री बेरेंगर ने भी यादव की गेंद पर हुक शाट खेलकर विकेट गंवाया। इसके बाद अश्विन का जादू चला। उन्होंने कृष्ण कराटे (चार) को लेग स्लिप में सुरेश रैना के हाथों कैच कराया जबकि शिखर धवन ने स्वप्निल पाटिल (सात) का शानदार कैच लपका। टूर्नामेंट के सबसे उम्रदराज खिलाड़ी खुर्रम खान (14) ने फुललेंथ गेंद पर स्वीप शाट खेलकर रैना को कैच दिया जिन्होंने लेग स्लिप से दौड़कर पहली स्लिप में कैच लिया।
फार्म में चल रहे शैमन अनवर ने एक छोर से अच्छा प्रयास किया लेकिन उन्हें दूसरे छोर से सहयोग नहीं मिला। रोहन मुस्तफा के रूप में यूएई का छठा विकेट गिरा। मोहित शर्मा ने उन्हें पगबाधा आउट किया। जडेजा ने निचले क्रम के बल्लेबाजों को नहीं टिकने दिया। मंजुला गुरूग (नाबाद 10) दोहरे अंक में पहुंचने वाले तीसरे बल्लेबाज थे। उन्होंने और अनवर ने आखिरी विकेट के लिये 31 रन जोड़े जिससे टीम 100 रन के पार पहुंच पायी।