मोदी सरकार ने मध्य वर्ग की आशाओं पर पानी फेरा: रालोद
लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि एक बार फिर मोदी सरकार ने अपने पहले ही आम बजट में जनता को ठगने का काम किया है। मध्यम वर्गीय परिवार के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं है इससे उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया। उन्होंने आगे कहा कि सर्विस टैक्स को 12.36 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिषत करने तथा कन्सलटेंसी को बढ़ा दिया है जिसकी वजह से रेस्टोरेंट खाना, एल0ई0डी0, टेलीफोन बिल, हवाई सफर, बैंकिग सर्विस, ब्यूटीपालर, होटल, डाक्टर की फीस, रेडियों टैक्सी, प्लेन तथा मोबाइल फोन से बाते करना सहित सभी चीजें मंहगी हो जायेगी और जनता का बजट लड़खड़ा जायेगा और जनता की वित्तीय हालत चरमरा जायेगी।
चौहान ने कहा कि सरकार ने 5 लाख रूपये तक के कर में छूट देने का जनता से वादा किया था परन्तु आयकर में कोई बदलाव नहीं किया। आयकर में 2.50 लाख तक की ही आय में छूट रखी जिससे कर्मचारियों और मध्यम वर्गीय परिवार को नुकसान पहुंचेगा। मोदी सरकार ने एक बार पुनः अपनी आदत के अनुसार सपने दिखाते हुये उ0प्र0 में हर घर में 2020 तक बिजली और 2022 तक सबको रोजगार देने की बात कही इससे ऐसा प्रतीत होता है कि बजट 1 साल का नहीं दशकों का बनाया गया है इससे साबित होता है कि बजट पूरी तरह से निराधार है। बजट में उ0प्र0 की अनदेखी की गयी है। पंजाब, तमिलनाडु, असम, हिमाचल प्रदेश, बिहार व अन्य प्रदेश जहां चुनाव होने हैं वहां एम्स सहित कई घोषणाएं की है परन्तु बजट में उ0प्र0 नदारत है।
चौहान ने कहा कि कर्मचारियों को तो थोड़ी सी रियायत देते हुये उनका टी0ए0 बढ़ाकर ट्रान्सपोर्ट एलाउन्स 800 से 1600 रू प्रति माह किया परन्तु बजट में किसान गायब हैं। उनके लिए कोई योजनाएं नहीं हैं। सर्विस टैक्स बढ़ाकर मंहगाई को तो हवा दी गयी साथ ही पर्सनल टैक्स भी बढ़ाया परन्तु कार्पोरेट कर 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिषत करने का प्रस्ताव रखा जिससे कम्पनियों व कार्पोंरेट सेक्टर को फायदा हो सके। मोदी सरकार ने कालाधन वापस लाने की कोई योजना नहीं बनायी कालाधन वापस लाने की सिर्फ हवा हवाई बाते करते रहे और जनता को गुमराह करते रहे और कर्मचारियों को लाॅलीपाॅप देते हुये 7वां वेतन आयोग अगले वर्ष से लागू करने का वादा सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ को दर्शाता है।