दिल्ली:
मणिपुर में 3 मई को भड़की हिंसा पिछले तीन महीने से लगातार जारी है. मुख्य रूप से राज्य के कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीय संघर्ष ने राज्य में 170 से अधिक लोगों की जान ले ली है, जबकि हजारों लोग घायल हो गए हैं। वहीं, इस हिंसा में राज्य की बड़ी आबादी विस्थापित हो गई है. राज्य की चिंताजनक हालत को देखते हुए कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल संसद में केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी ला चुके हैं. अब विपक्षी गठबंधन की पार्टियों ने 29 जुलाई यानी कल एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर भेजने का ऐलान किया है.

इसकी जानकारी देते हुए कांग्रेस सांसद डॉ. नासिर हुसैन ने कहा कि मणिपुर में पिछले 86 दिनों से हिंसा हो रही है. मणिपुर में हालात बेहद गंभीर हैं. 29 जुलाई को ऑल इंडिया अलायंस के 16 दलों के 20 सांसद मणिपुर का दौरा करेंगे. प्रतिनिधिमंडल 30 जुलाई को मणिपुर की राज्यपाल से भी मुलाकात करेगा और उन्हें मणिपुर की स्थिति से अवगत कराएगा.

दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस सांसद डॉ. नासिर हुसैन ने कहा कि मणिपुर हिंसा को लेकर भारत गठबंधन का अविश्वास प्रस्ताव संसद में स्वीकार कर लिया गया है, लेकिन सरकार ने अभी तक चर्चा की तारीख तय नहीं की है. . डॉ. नासिर हुसैन ने कहा कि मोदी सरकार मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी बयान देने को तैयार नहीं हैं. आज भी खबरें आ रही हैं कि मणिपुर में हिंसा हो रही है. मणिपुर में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है.

डॉ. नासिर हुसैन ने कहा कि शुक्रवार को इंडिया अलायंस की बैठक में निर्णय लिया गया कि विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर जायेगा. 29 जुलाई की सुबह 16 पार्टियों के 20 सांसद मणिपुर का दौरा करेंगे. प्रतिनिधिमंडल के सदस्य पहाड़ी और घाटी क्षेत्रों में हिंसा प्रभावित स्थानों पर राहत शिविरों का भी दौरा करेंगे, जायजा लेंगे और लोगों से बातचीत करेंगे। मणिपुर के लोगों को आश्वासन दिया जाएगा कि हम उनके साथ खड़े हैं।’ यह प्रतिनिधिमंडल 30 जुलाई की सुबह मणिपुर के राज्यपाल से भी मुलाकात करेगा. इस दौरे के बाद संसद को मणिपुर के हालात की जानकारी देने की कोशिश की जाएगी और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की जाएगी.