धवन का शिखर प्रदर्शन, भारत की लगातार दूसरी बड़ी जीत
पूरा हुआ विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका को हराने का सपना
मेलबर्न : शिखर धवन की कैरियर की सर्वश्रेष्ठ शतकीय पारी की मदद से भारत ने रविवार को विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका पर पहली जीत दर्ज करते हुए उसे 130 रन से हराया जो क्रिकेट के इस महासमर में उसकी सबसे बड़ी हार है।
धवन के 146 गेंद में 137 रन और अजिंक्य रहाणे के 60 गेंद में 79 रन की मदद से भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट पर 307 रन बनाये थे। जवाब में दक्षिण अफ्रीका की पूरी टीम 40.2 ओवर में 177 रन पर आउट हो गई। विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अब तक खेले गए चार मैचों में भारत की यह पहली जीत है।
भारत के लिये स्पिनर आर अश्विन ने 10 ओवर में 41 रन देकर तीन विकेट लिये जबकि मोहम्मद शमी और मोहित शर्मा को दो-दो विकेट मिले। दक्षिण अफ्रीका के लिये फाफ डु प्लेसिस (55) को छोड़कर कोई बल्लेबाज अच्छी पारी नहीं खेल सका।
इससे पहले भारत ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विश्व कप में अपना सर्वोच्च स्कोर बनाया। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विश्व कप में उसका सर्वाधिक स्कोर 296 रन था जो 2011 में उसने नागपुर में बनाया था।
डैथ ओवरों में हालांकि भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और आखिरी 39 गेंद में भारत ने 46 रन बनाकर पांच विकेट गंवाये। धवन ने अपना सातवां वनडे शतक जड़ते हुए 16 चौके और दो छक्के लगाये। विश्व कप में किसी भी बल्लेबाज का दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ यह सर्वोच्च स्कोर है।
धवन ने 2013 चैम्पियंस ट्राफी में भी कार्डिफ में खेले गए मैच में इसी टीम के खिलाफ शतक जड़ा था। भारतीय शीषर्क्रम ने एक बार फिर उम्दा प्रदर्शन किया। धवन और विराट कोहली ने दूसरे विकेट के लिये 127 रन जोड़े। पाकिस्तान के खिलाफ पहले मैच में शतक जमाने वाले कोहली ने 60 गेंद में 46 रन बनाये। लेग स्पिनर इमरान ताहिर ने उन्हें शार्ट मिडविकेट पर फाफ डु प्लेसिस के हाथों लपकवाया। रहाणे ने पाकिस्तान के खिलाफ नाकाम रहने का गम भुलाते हुए बेहतरीन बल्लेबाजी की। उन्होंने धवन के साथ तीसरे विकेट के लिये 16.3 ओवर में 125 रन की साझेदारी की। अपनी पारी में उन्होंने सात चौके और तीन छक्के लगाये।
धवन ने अपनी पारी में कई खूबसूरत स्ट्रोक्स लगाये। मेलबर्न वैसे भी उनका दूसरा घर है क्योंकि भारतीय टीम के साथ दौरे पर नहीं होने पर वह अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ यही रहते हैं। उन्हें 52 के स्कोर पर जीवनदान भी मिला जब परनेल की गेंद पर बैकवर्ड प्वाइंट पर हाशिम अमला ने उनका कैच टपकाया।
उन्होंने परनेल को ही चौका जड़कर अपना शतक पूरा किया। इसके बाद हेलमेट उतारकर बल्ला ऊपर उठाकर उन्होंने पंख की तरह हाथ फैलाते हुए इसका जश्न मनाया। धवन ने पहला छक्का स्टेन को लगाया जबकि दूसरा मोर्कल को जड़ा। रहाणे ने भी स्टेन को लांग आफ पर छक्का जड़ा।
दक्षिण अफ्रीका के लिये स्टेन ने आखिरी ओवर में चार खाली गेंदें फेंकी। उन्होंने 10 ओवर में 55 रन देकर एक विकेट लिया जबकि मोर्नी मोर्कल ने नौ ओवर में 59 रन देकर दो विकेट चटकाये। परनेल ने नौ ओवर में 85 रन देकर एक विकेट लिया।
मैदान पर जमा कुल 86786 दर्शकों में कम से कम 75000 भारतीय प्रशंसक थे। चैम्पियन क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी भारतीय टीम की हौसलाअफजाई के लिये पहुंचे थे। भारतीय गेंदबाजों ने भी एक बार फिर एक ईकाई के रूप में उम्दा प्रदर्शन किया। दक्षिण अफ्रीका की शुरूआत बेहद खराब रही और चौथे ही ओवर में सलामी बल्लेबाज किंटोन डिकाक (7) को शमी ने कोहली के हाथों लपकवाया। हाशिम अमला ने भी 11वें ओवर में मोहित की गेंद पर शमी को कैच थमाया । वह सिर्फ 22 रन बना सके।
कप्तान एबी डिविलियर्स (30) ने आते ही कुछ अच्छे स्ट्रोक्स लगाये लेकिन उनके आउट होने के बाद दक्षिण अफ्रीका मैच में लौट ही नहीं सका। खतरनाक डिविलियर्स को मोहित शर्मा ने सटीक थ्रो पर रन आउट किया। एक समय डिविलियर्स और फाफ डु प्लेसिस ने तीसरे विकेट के लिये 68 रन जोड़ लिये थे। डिविलियर्स के रन आउट होने के समय दक्षिण अफ्रीका का स्कोर दो विकेट पर 108 रन था। डु प्लेसिस ने मोहित की गेंद पर खराब पुल शाट खेला और कवर्स में धवन को कैच दे बैठे। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका की टीम वापसी नहीं कर सकी।
जेपी डुमिनी (6) को अश्विन ने पवेलियन भेजा और पुछल्ले बल्लेबाजों से किसी चमत्कार की उम्मीद करना बेमानी थी। भारत को अब अगला मैच 28 फरवरी को संयुक्त अरब अमीरात से खेलना है। भारत के पास अब पूल की शीर्ष टीम के रूप में क्वार्टर फाइनल में प्रवेश का सुनहरा मौका है।