पीएम, सीएम तक नहीं दे पाये चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ के सवाल का जवाब
लखनऊ। उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रामराज दुबे ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गाॅंधी और बसपा सुप्रीमों मायावती को पत्र लिख एक सवाल किया था लेकिन उसका उन्हे जबाब नही मिला। तीन माह पूर्व भेजे पत्र में महासंघ की तरफ से केवल यह सवाल किया गया था कि देश एवं प्रदेश में किस आधार पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती नही हो रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि केवल उत्तर प्रदेश में ही लगभग साढ़े तीन लाख चतुर्थ श्रेणी के पद रिक्त है। पिछले दस सालों से चतुर्थ श्रेणी संवर्ग की भर्ती प्रदेश में नही की गई।
श्री दुबे ने बताया कि रेलवे के वरिष्ठतम नेता कामरेड शिवगोपाल मिश्रा एवं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद एकीकृत के अध्यक्ष इं. हरिकिशोर तिवारी के वार्ता के दौरान यह बात सामने आ चुकी है कि रेलवे में चतुर्थ श्रेणी संवर्ग की भर्ती नियमित रूप से हो रही है। छठे वेतन आयोग में भी चतुर्थ श्रेणी भर्ती पर रोक का कोई प्राविधान नही किया गया है। केन्द्र सरकार ने भी चतुर्थ श्रेणी की भर्ती पर किसी तरह की रोक नही लगाईं है। उच्चतम न्यायालय से भी किसी तरह की भर्ती पर रोक नही है तो राज्य सरकारे लम्बे अरसे से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती क्यों नही कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में यह आभास होता है कि राज्य सरकारें कही चतुर्थ श्रेणी संवर्ग को समाप्त करने का कुचक्र तो नही रच रही है। उन्होंने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की लगातार सेवानिवृत्ति से विभागों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों संख्या न के बराबर रह गई है। चतुर्थ श्रेणी की सीधी भर्ती लम्बे अरसे से बंद है। विभागों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती आऊट सोर्सिग भर्ती के चलते जहाॅ ठेकेदार कानून का मजाक बनाते हुए न्यूनतम मजदूरी अधिनियम की धज्जियाॅ उड़ा रहे है वही अल्प वेतन पाने के कारण आऊट सोर्सिग चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की विश्वसीयत भी संदेह के दायरे में आ जाती है, चंद पैसो के कारण इस तरह के कर्मचारी किसी भी फाइल को इधर से उधर कर सकते है भले ही वह फाइल कितनी गोपनीय क्यों न हो। उन्होंने कहा एक तो पैसो का लालच दूसरा कोई जिम्मेदारी सुनिश्चित न होने के कारण इस तरह की गतिविधियों में इजाफा हो रहा है। उन्होंने कहा कि एक तो बेरोजगारी दूसरे शासकीय कार्यो में गोपनीयता की कमी को रोकने के लिए क्या चतुर्थ श्रेणी की भर्ती तत्काल शुरू नही होनी चाहिए। इस तरह से उदाहरण देते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री एवं समस्त दलों के अध्यक्षों से पूछा था कि चतुर्थ श्रेणी संवर्ग की भर्ती पर अकेले अघोषित रोक क्यो लगाई गई है।