यादव सिंह की जांच के लिए जांच आयोग गठित
6 माह की अवधि के भीतर आयोग अपनी जांच पूरी करेगा
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा एवं यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के निलम्बित मुख्य अभियन्ता यादव सिंह द्वारा की गई अनियमितताओं, पद के दुरुपयोग तथा भ्रष्ट आचरण की उच्च स्तरीय जांच कराने के उद्देश्य से न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अमरनाथ वर्मा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया है।
यह जानकारी आज यहां देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन द्वारा इस सम्बन्ध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसके अनुसार नोएडा, ग्रेटर नोएडा एवं यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के निलम्बित मुख्य अभियन्ता श्री यादव सिंह द्वारा अपनी पदावधि के दौरान इन औद्योगिक क्षेत्रों में निर्माण कार्यों का ठेका व्यक्तियों/संस्थाओं को देने में की गई अभिकथित प्रक्रियागत अनियमितताएं संगठित एवं व्यापक रूप से किए जाने,
पदीय स्थिति का दुरुपयोग और भ्रष्ट आचरण के गम्भीर आरोप संज्ञान में आए।
इनसे राज्य एवं शासकीय तंत्र की छवि तथा साख को गम्भीर क्षति पहुंचने की स्थिति उत्पन्न हो गई। इसे ध्यान में रखकर सक्षम एवं विश्वसनीय प्राधिकारी से उच्च स्तरीय जांच कराए जाने का निर्णय लिया गया, ताकि प्रकरण और कदाचार में संलिप्त व्यक्तियों को चिन्ह्ति कर उनके विरुद्ध सम्यक कार्यवाही की जा सके।
आयोग द्वारा जिन बिन्दुओं पर जांच करने के पश्चात् रिपोर्ट दी जाएगी, उसमें श्री यादव सिंह की विभिन्न स्तरों पर पदोन्नति में निर्धारित प्रक्रिया/मापदण्डों का पालन किया गया अथवा नहीं तथा मुख्य अभियन्ता के रूप में श्री यादव सिंह द्वारा विनिर्माण से सम्बन्धी जो भी ठेके विभिन्न संस्थाओं/व्यक्तियों को दिए गए, उनमें निर्धारित प्रक्रिया/मापदण्डों का पालन किया गया अथवा नहीं शामिल हैं।
श्री सिंह द्वारा किए गए भ्रष्टाचार एवं कदाचरण के प्रकरणों का तथ्यान्वेषण भी आयोग करेगा और अपनी रिपोर्ट देगा। इसके अलावा, मा0 उच्च न्यायालय के आदेश अथवा किसी अन्य केन्द्रीय अधिकरण, जो प्रकरण की जांच कर रहे हंै, द्वारा सन्दर्भित आधार पर यदि और जांच की आवश्यकता हो, तो ऐसा विषय भी आयोग की जांच का विषय होगा।
अधिसूचना जारी होने की तारीख से 6 माह की अवधि के भीतर आयोग अपनी जांच पूरी करेगा। अवधि परिवर्तन के सम्बन्ध में प्रदेश शासन अधिकृत होगा। आयोग के लिए आवश्यक कार्मिक/स्टाफ एवं वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। आयोग का मुख्यालय लखनऊ तथा कैम्प कार्यालय नोएडा, गौतमबुद्धनगर मंे होगा।