फिर CM बने केजरीवाल
6 मंत्रियों ली शपथ, कहा-5 साल में दिल्ली होगी करप्शन फ्री
नई दिल्ली। आज देश की राजधानी दिल्ली को नया सीएम मिल गया है। अरविंद केजरीवाल दूसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बन गए हैं। उन्होंने सीएम पद की शपथ ली। हजारों लोगों के सामने केजरीवाल ने शपथ ली। उनके साथ 6 और मंत्रियों ने शपथ ली। जिसमें मनीष सिसोदिया, आसिम अहमद खान, संदीप कुमार, सतेंद्र जैन, गोपाल राय और जितेंद्र सिंह तोमर ने भी शपथ ली।
शपथग्रहण के बाद केजरीवाल ने कहा कि आज एक साल बाद फिर आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार बनी है। फर्क सिर्फ इतना है कि इस बार पूरी बहुमत के साथ हमारी सरकार वापस आई है। उन्होंने कहा कि मुझे ये तो पता था कि दिल्लीवालों मुझे प्यार करते हैं, लेकिन इतना ज्यादा प्यार करते हैं इसका अंदाजा तो मुझे भी नहीं था।
केजरीवाल ने आगे कहा कि जिस दिन नतीजे आ रहे हैं उस दिन ऐसा लग रहा था जैसे सीटों की बारिश हो रही है। 70 सीटोंवाली दिल्ली में 67 सीटें आपने हमारी झोली में डाल दी। ये कुदरत का करिश्मा ही है। और हमारी कोशिश होगी कि हम आपके सपनों को पूरा करें। 5 साल में दिल्ली को भ्रष्टाचार मुक्त कर दूंगा।
केजरीवाल ने आगे कहा कि हमारी जीत तो हुई है, लेकिन अहंकार मत करना, कांग्रेस को लोगों ने इसलिए हराया क्योंकि उसे अहंकार आ गया था। जिस बीजेपी को मई में इतना बड़ा बहुमत मिला था आज उसे दिल्ली में सिर्फ 3 सीटें मिली हैं। इसकी वजह है उसका अहंकार। इसलिए अगर हमने अहंकार किया था तो हमारा भी वही हाल होगा।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की जनता ने मुझपर भरोसा जताया है। और मैं 5 सालों में आपकी सारी आकांक्षाओं को पूरा करने की पूरी निष्टा से कोशिश करूंगा।
केजरीवाल ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री से मिलने गया था। हमने कहा कि हम साथ चाहते हैं। हम आपके हर अच्छे काम में साथ देंगे। आप भी बेहतर बनाने के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि बीजेपी भी पूर्ण राज्य का दर्जा चाहती है, तो क्यों न दे दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी बड़ी है, आप पूरा देश चलाइये। दिल्ली को चलाने की जिम्मेदारी हम पर छोड़ दीजिए।
केजरीवाल ने कहा कि सरकार चलाने के लिए पैसे चाहिए। सीएम ने आश्वासन दिया कि कोई भी विभाग आपसे पैसा नहीं लेगा, लेकिन आप पूरा-पूरा टैक्स भर देना। कोई आपको तंग नहीं करेगा। सरकार में पैसे की कमी नहीं है, नीयत की कमी है।
अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि घर उतना ही बड़ा लूंगा जितनी जरूरत है। लेकिन दफ्तर तो इतना बड़ा चाहिए ही जिसमें 400-500 लोगों के बैठने की जगह हो।
अरविंद की कैबिनेट अपनी पहली बैठक शाम साढ़े चार बजे करेगी, इसके लिए दिल्ली सचिवालय को तैयार किया जा रहा है। दिल्ली की जनता ने जो फैसला सुनाया है उसने अरविंद को एक बार फिर मौका दिया है। इस बार चुनौती और ज्यादा बड़ी है।