पाक से बातचीत को मोदी ने की पहल
नवाज़ से फोन पर की बात, विदेश सचिव करेंगे इस्लामाबाद की यात्रा
नई दिल्ली/इस्लामाबाद : भारत-पाक संबंधों में पिछले छह महीने से जमी बर्फ को पिघलाने की पहल करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज पाकिस्तान के अपने समकक्ष नवाज शरीफ से बात की और इसके बाद घोषणा की गई कि विदेश सचिव एस. जयशंकर ‘द्विपक्षीय एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए’ इस्लामाबाद की यात्रा पर जाएंगे।
मोदी ने ‘क्रिकेट कूटनीति’ का इस्तेमाल करते हुए आज दक्षेस (दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संघ) के उन देशों के नेताओं से बात की जिनकी टीमें भारतीय टीम के साथ ही रविवार से शुरू हो रहे क्रिकेट विश्व कप में हिस्सा ले रही हैं। उन्होंने उनकी टीमों को शुभकामनाएं दीं। इसके तुरंत बाद मोदी ने घोषणा की कि दक्षेस देशों से रिश्तों को मजबूत करने के लिए जयशंकर शीघ्र ही ‘दक्षेस यात्रा’ पर जाएंगे।
इस यात्रा के तहत वह पाकिस्तान जाएंगे जिसके साथ भारत ने पिछले साल अगस्त में विदेश सचिव स्तरीय वार्ता अंतिम समय में इसलिए रद्द कर दी थी क्योंकि उसके उच्चायुक्त ने यहां कश्मीरी अलगववादियों से विचार विमर्श किया था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के प्रवक्ता ने इस्लामाबाद में कहा कि शरीफ ने ‘साझा हितों के मुद्दों पर चर्चा के लिए’ भारत के विदेश सचिव की प्रस्तावित यात्रा का स्वागत किया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने संवाददाताओं से कहा, ‘जाहिर है, उपलब्ध अवसर का कोई दुरूपयोग नहीं करता।’ उनसे सवाल किया गया था कि क्या विदेश सचिव इस यात्रा का उपयोग द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा के लिए करेंगे। उन्होंने कहा, ‘सभी दक्षेस देशों के साथ हमारा द्विपक्षीय एजेंडा है और हम इन सभी देशों की संक्षिप्त यात्राओं के दायरे में ही द्विपक्षीय एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे। हर नेता और राजनयिक द्विपक्षीय एजेंडा को आगे बढ़ाने के हर अवसर का इस्तेमाल करता है।’ उनसे बार बार यह सवाल किया जा रहा था कि क्या विदेश सचिव पाकिस्तान जाएंगे और क्या वह द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने हालांकि इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री के निर्देश पर विदेश सचिव की यात्रा मुख्यत: दक्षेस एजेंडा पर केन्द्रित होगी जो कि मोदी ने पिछले नवंबर में काठमांडो में आयोजित दक्षेस शिखर सम्मेलन में रेखांकित किया था। इसमें दक्षेस को समर्पित उपग्रह, दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय और मेडिकल वीजा को आसान बनाना शामिल है। गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से हुई बातचीत के कुछ ही घंटे बाद मोदी की शरीफ से टेलीफोन पर बात हुई है।
ओबामा से शरीफ द्वारा यह कहे जाने पर कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधरे स्वरूप में भारत को स्थायी सदस्यता देना पाकिस्तान को स्वीकार्य नहीं होगा, क्योंकि उसने कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का पालन नहीं किया है, अकबरूद्दीन ने कहा कि हर देश को अपने विचार रखने का अधिकार है। प्रवक्ता ने हालांकि कहा, चूंकि मामले पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में चर्चा हो रही है, किसी देश के पास इस मुद्दे को लेकर वीटो शक्ति नहीं है।