पडोसी के हक का ख्याल रखो चाहे वो किसी भी मजहब का हो
लखनऊ: मजलिसे ओलमाये हिन्द के तत्वाधान साप्ताहिक दीनी क्लासेज में इस हफ्ते मौलाना निसार अहमद ने इस्लाम में पडोसी और साथी के हक के सिलसिले बताया गया । मौलाना ने क्लासेज़ में कहा कि इस्लाम ने पडोसीयों के हक के सिलसिले में मजहब और जातपात को देख कर हुक्म नही दिया है । आपका पडोसी चाहे किसी भी मजहब और जात से ताल्लुक रखता हो उसके हक पडोसी होने की हैसियत से लाजिम हैं क्योंकि इस्लाम मजहब की बुनियाद पर किसी को अधिकार नहीं देता बल्कि इंसानियत की बुनियाद अधिकार देता है ।जैसे उसकी गेरमौजूदगी में उसकी इज्जत व आबरू और माल की हिफाफत करे ,उसके साथ सभ्य बर्ताव करे ।इसके साथ ही मौलाना ने साथी के हक का भी जिक्र किया ओर कहा कि ये साथी आपकी व्यस्त जिन्दगी में कहीं भी कोई भी हो सकता है उसका हक भी ज़रूरी है चाहे वो किसी भी मजहब से ताल्लुक रखता हो उसका सम्मान करो ताकि वो तुम्हारा सम्मान करे ,उसकी हिफाजत करो ताकि वो तुम्हारी हिफाजत करे उसे गुनाह से दूर रखू अगर वो किसी अच्छे काम में तुम से आगे निकल गया है तो हसद के बजाये तुम भी कोशिश करो कि उस से आगे निकल सको ।