भौतिकवादी युग मंे हर लड़की को हुनरमन्द होना जरूरी: डा0 श्रीवास्तव
लायन्स सेवा संस्थान ने सिलाई प्रशिक्षण केन्द्रों की प्रशिक्षार्णर्थियों को बांटे प्रमाण-पत्र
लखनऊ: लायन्स सेवा संस्थान ने शहर की 11 बस्तियों में संचालित सिलाई प्रशिक्षण केन्द्रों की प्रशिक्षार्णर्थियों को आज प्रमाण-पत्र वितरित किये ।
बोरा इन्स्टीट्यूट आॅफ मैनेजमेन्ट साइंसेज, प्रांगण में आयोजित प्रमाण-पत्र वितरण समारोह की मुख्य अतिथि डा0 सरोज श्रीवास्तव सलाहकार महिला कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश सरकार रहीं। डा0 श्रीवास्तव प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के भौतिकवादी युग मंे हर लड़की को हुनरमन्द होना बेहद जरूरी है और संस्थान द्वारा इस दिशा में किया गया प्रयास अत्यन्त सराहनीय है। डा0 श्रीवास्तव ने महिला सुरक्षा के साथ-साथ बुजर्गों की देखभाल हेतु होम तथा अन्य रोजगार परक कार्यक्रमों से लड़कियों को जोड़े जाने की सलाह दी।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारें लायन्स क्लब इंटरनेशनल मण्डल 321-बी0-1 के वाइस गर्वनर लायन शिवकुमार गुप्ता ने संस्थान के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इन केन्द्रों के द्वारा लड़कियों को आत्म रक्षा की गुर भी सिखायें जाने चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर लड़कियां आत्म रक्षा कर सकें।
वरिष्ट समाजसेवी डा0 नीरज बोरा ने कहा कि समाज में महिलाओं एवं बच्चियों की सुरक्षा एक चिन्ता का विषय है इस दिशा में एकजुट होकर के सकारात्मक प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने उपस्थित बालिकाओं का आवाहन करते हुए कहा कि उनके अन्दर अभूतपूर्व क्षमता है, आवश्यकता सिर्फ इस बात की है कि उसे बाहर प्रदर्शित करने का मौका मिल सके। डा0 बोरा ने रेडबिग्रेड की उषा विश्वकर्मा की प्रशंसा करते हुए उसके द्वारा किये गये प्रयासों से सीख लेने की बात कही।
इस कार्यक्रम में मोहिनीपुरवा, दौलतगंज, खदरा, फैजुल्लागंज, मोहिबुल्लापुर, बसन्तविहार, सेक्टर क्यू, सिकन्दरपुर, जानकीपुरम से आये 300 से अधिक प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किये गये। इस अवसर पर विभिन्न केन्द्रों की संचालिका प्रिया मिश्रा, संगीता मौर्या, कुसुम कश्यप, शशी कला भारतीय, पूनम यादव, सुनीता यादव, किरन चैरसिया, जानकी, ममता पाल, हुमा खान, ममता सिंह को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में पराग गर्ग, लायन ए0के सिंह, लायन गोपाल भाई, लायन विद्या शंकर दीक्षित, बिन्दु बोरा ने अपने विचार रखें। कार्यक्रम को सफल बनाने में विवेक सिंह तथा विशाल सोनकर का विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर विभिन्न संगठनों द्वारा 22 सिलाई केन्द्रों के संचालन हेतु 44 सिलाई मशीनें देने का वादा किया।