90 प्रतिशत फेफड़ों का कैंसर तम्बाकू सेवन से होता है
विश्व कैंसर दिवस पर बैठक का आयोजन
लखनऊ: विश्व कैंसर दिवस, 2015 (नाॅट बीयाॅण्ड अस) के अवसर पर राज्य तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ, उ0प्र0 एवं रिद्म फउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में डा0 आलोक कुमार, राज्य नोडल अधिकारी, राज्य तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम, उ0प्र0, डा0 उमाशंकर, राज्य नोडल अधिकारी, एन0पी0सी0डी0सी0एस0, सूर्य प्रकाश पाठक, कार्यक्रम सहायक, राज, ए0 रंजन, अध्यक्ष रिद्म फाउण्डेशन, एवं विकास उपस्थित रहे।
डा0 आलोक ने बैठक में अवगत कराया कि 90 प्रतिशत फेफड़ों का कैंसर तम्बाकू सेवन के कारण होता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार तथा पब्लिक हैल्थ फाउण्डेशन आफ इण्डियाॅ के संयुक्त तत्वाधान में हुआ अध्ययन ‘‘इकोनामिक बर्डन आफ टोबैको रिलेटेड डिसीज़ेज इन इण्डियाॅ’’ के आकडों के हवाले से डा0 आलोक ने अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश में तम्बाकू सेवन से होने वाली बीमारियों पर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2011 में कुल 7335.4/ करोड़ रूपये व्यय किये। जिसमें मात्र हृदय रोगों, कैंसर, क्षय रोग (टी0बी0), एवं श्वास रोगों पर कुल व्यय रू0 1991 करोड़ था।
श्वास सम्बधी बीमारियों पर कुल व्यय – रू0 698 करोंड़
क्षय रोग (टी0बी0 ) पर कुल व्यय – रू0 617 करोड़
हृदय सम्बंधी रोगों पर कुल व्यय – रू0 391 करोड़
विभिन्न प्रकार के कैंसर पर कुल व्यय – रू0 284 करोड़
विश्व स्वास्थ्य संगठन के ताजा आकड़ों के अनुसार भारत में असंचारी रोगों से 70 वर्ष से कम आयु में होने वाली मृत्युओं में 62 प्रतिशत पुरूष एवं 52.2 प्रतिशत महिलाएं थी। भारत में 15 वर्ष से अधिक के 13.3 प्रतिशत वयस्क धूम्रपान करते है। अतः जिस स्तर का बजट तम्बाकू जनित रोगों हेतु वहन किया जा रहा है उसी स्तर पर तम्बाकू नियंत्रण हेतु बजट का आवंटन भी होना चाहिए।
डा0 उमाशंकर ने रिद्म फाउण्डेशन के प्रयासों की प्रसंशा करते हुए एन0सी0डी0 एवं तम्बाकू नियंत्रण हेतु रिद्म फाउण्डेशन को सम्पूर्ण उ0प्र0 में इस हेतु प्रयास करने एवं प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में तम्बाकू नियंत्रण हेतु बनी फिल्मों के प्रदर्शन से लोगों को जागरूक किया जाने की सलाह दी।
डा0 आलोक ने कहाॅ कि विद्यालयों के प्रधानाचार्य तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान बनाने हेतु जिम्मेदारी उठाए एवं उल्लंघन होने पर सम्बंधित थानों एवं जि़ला अधिकारी से लिखित तौर पर सूचित करे। धूम्रपान मुक्त नही तम्बाकू मुक्त परिसरों के लिए अन्तर्विभागीय प्रयास की आवश्यकता होती है। लोग पहल करने से डरते है एवं स्वयं कुछ न करते हुए दूसरों का दोष देते है। हमें अपने अधिकारों हेतु सचेत रहना चाहिए।
डा0 उमा शंकर ने तम्बाकू सेवन को कैंसर एवं अन्य असंचारी रोगों का जनक बताते हुए युवा वर्ग को तम्बाकू से दूरी बनाने का अवाह्न किया।
कार्यक्रम सहायक सूर्य प्रकाश पाठक ने असंचारी रोगों के लिए ‘‘बचाव ही इलाज है (Now prevention is only cure ) के महत्व, एवं हाई रिस्क समूह की स्क्रीनिंग (जाॅच) करवाने में एवं श्रीराज द्वारा आई0ई0सी0 हेतु रिद्म से सहयोग की अपेक्षा की गयी जिस पर श्री रंजन द्वारा सहयोग का आश्वासन दिया गया।
श्री ए0 रंजन ने अधिकारियों की बात स्वीकार करते हुए ए0सी0डी0 एवं तम्बाकू नियंत्रण हेतु उ0प्र0 के सभी जनपदों में सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।
(डा0 आलोक कुमार:- सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम-2003 के क्रियान्वयन हेतु केन्दª सरकार ने 21 विभागों को नामित कर रखा है। यह सभी की जिम्मेदारी है। डा0 उमा शंकर:- ग्रमीण क्षेत्रों में चलचित्रों के माध्यम से जागरूकता लायी जाए। श्री ए0 रंजन:- बाराबंकी को आर्दश जनपद बनातें हुए सम्पूर्ण उ0प्र0 को तम्बाकू मुक्त बनाया जाएगा।)