प्राथमिक विद्यालयों में होगा सौर ऊर्जा का प्रयोग
विद्यालयों में एक किलोवाट का सोलर पावर प्लान्ट लगाया जाएगा
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में एक किलोवाट का ‘सोलर पावर प्लान्ट’ लगाने का निर्णय लिया है। इसके माध्यम से सबमर्सिबल सोलर पम्प की स्थापना करके विद्यार्थियों को आर0ओ0 वाटर से स्वच्छ जल उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही ओवरहेड टैंक के माध्यम से किचन तथा शौचालयों में जल की आपूर्ति एवं विद्यार्थियों के कक्ष में पंखे आदि की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी।
प्रदेश के प्रमुख सचिव, अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत, जीवेश नन्दन ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष प्रदेश में 5 जनपदों के 50 प्राथमिक विद्यालयों में यह योजना ‘पायलट प्रोजेक्ट’ के रूप में चलायी जाएगी। प्रत्येक वर्ष इस योजना के तहत जिलों का चयन शासन स्तर से किया जाएगा, जबकि जिलाधिकारी द्वारा ऐसे विद्यालयों का चयन किया जाएगा, जिसमें कम से कम 100 छात्र अध्ययनरत हों तथा वर्तमान में पेयजल हेतु इंडिया मार्का हैन्ड पम्प पहले से स्थापित हो।
प्रमुख सचिव ने बताया कि इस योजना का क्रियान्वयन यूपीनेडा द्वारा किया जाएगा। यूपीनेडा द्वारा खुली निविदा के माध्यम से संयंत्रों की स्थापना 5 वर्षों के कम्प्रीहेन्सिव वारण्टी एण्ड मंेटीनेन्स के साथ करायी जायेगी। स्थापना के उपरान्त विद्यालय के प्रधानाचार्य को संयंत्र हस्तान्तरित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि संयंत्रों के नियमित रूप से रखरखाव हेतु जनपदों में एक सर्विस सेन्टर की स्थापना यूनीनेडा द्वारा अनिवार्य रूप से करायी जाएगी।
श्री नन्दन ने बताया कि योजना का नियमित अनुश्रवण यूपीनेडा के जनपदीय परियोजना अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। यूपीनेडा के मुख्यालय स्तर से समय-समय पर परियोजना की समीक्षा की जायेगी एवं फीडबैक प्राप्त किया जाएगा। फीडबैक के आधार पर योजना को और सुदृढ़ किया जाएगा तथा उसमें आवश्यक सुधार किए जाएंगे। योजना की मानीटरिंग एवं इवैल्यूएशन तंत्र को अधिक सुदृढ़ करने के लिए थर्ड पार्टी मानीटरिंग इवैल्यूएशन की व्यवस्था भी की जाएगी।