मोबाइल के लिए भाई ने बहन को सरेआम मार डाला
लखनऊ। चिनहट के जुग्गौर में शनिवार सुबह सिरफिरे भाई ने अपनी बहन सुनीता गौतम (30) को चाकू से गोद डाला। सुनीता का कसूर महज इतना था कि उसने भाई से अपना मोबाइल लौटाने को कहा था। बौखलाए युवक ने पहले सुनीता को बेलन और थापी से पीटा। फिर घर से गली तक दौड़ाकर चाकू और गड़ासे से गोद डाला। गर्दन, सिर, पेट व सीने पर हुए आधा दजर्न वार से सुनीता की मौत हो गई। ग्रामीणों ने आरोपी प्रमोद को पकड़ने की कोशिश की तो उसने लोगों पर पथराव कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस टीम को भी प्रमोद ने गड़ासा लेकर दौड़ा लिया। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस उसे गिरफ्तार कर सकी।
जुग्गौर के नरेंदी-बिलउवा गांव निवासी कमलेश गौतम मांगलिक समारोह में खाना बनाने का काम करता है। उसकी पत्नी सुनीता दो बेटों अमित व सुमित के साथ घर पर रहती है। पिछले 20 दिनों से सुनीता की मां सम्पाता उसके घर में रहकर इलाज करा रही थी। शुक्रवार रात सुनीता का भाई प्रमोद उर्फ नन्हा मां को लेने घर पर आया था। रात को देर हो जाने पर प्रमोद खाना खाकर बहन की ससुराल में ही रुक गया।
शनिवार सुबह 9 बजे कमलेश काम पर चला गया। घर पर कमलेश की मां नन्ही देवी, पत्नी सुनीता, सास सम्पाता व साला प्रमोद थे। सुबह करीब 11 बजे प्रमोद मां को लेकर अपने गांव दयारामपुरवा जाने लगा। प्रमोद ने सुनीता का मोबाइल अपने पास रख लिया था। सुनीता ने उससे मोबाइल वापस मांगा। बस इतनी सी बात पर प्रमोद आपा खो बैठा और सुनीता से गाली-गलौज करने लगा। सुनीता भी प्रमोद से झगड़ने लगी।
कहासुनी से बौखलाए प्रमोद ने कमरे में रखे थापी और बेलन से सुनीता को पीटना शुरू कर दिया। सास नन्ही देवी और मां सम्पाता उसे बचाने दौड़ी तो प्रमोद ने उन्हें धक्का देकर किनारे कर दिया। बचाव में सुनीता भी प्रमोद से हाथापाई करने लगी। प्रमोद के सिर पर खून सवार हो गया। उसने गड़ासा और चाकू उठाया और सुनीता पर ताबड़तोड़ वार करने लगा। जान बचाने के लिए सुनीता घर से गली की ओर भागी। प्रमोद ने उसे गली में दौड़ाकर गड़ासा और चाकू से गोद डाला। लहूलुहान सुनीता सड़क पर गिरकर बेदम हो गई तब जाकर प्रमोद ने हमला करना बंद किया।
गांव के कल्लन ने बताया कि गली में भागते वक्त सुनीता मदद के लिए शोर मचा रही थी। उसकी चीख-पुकार सुनकर गांव वाले इकळा हो गए। सैकड़ों लोगों के सामने प्रमोद ने अपनी सगी बहन का बेरहमी से कत्ल कर दिया। कुछ गांव वालों ने सुनीता को बचाने की कोशिश की तो प्रमोद ने उन्हें चाकू लेकर खदेड़ दिया। सुनीता के बेटे आठ वर्षीय अमित व सात वर्षीय सुमित घर के बाहर खेल रहे थे। दोनों मासूम बेबस निगाहों से अपनी मां को मरते देखते रहे। जब ग्रामीणों ने प्रमोद को पकड़ने की कोशिश तो उसने लोगों पर पथराव कर दिया।
घटना की सूचना पर दो सिपाही मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रमोद को पकड़ने की कोशिश की तो उसने पुलिस कर्मियों को गड़ासा लेकर दौड़ा लिया। सिपाहियों ने गली में भागकर जान बचाई। इसके बाद एसओ चिनहट धीरेन्द्र यादव फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। करीब एक घंटे तक हत्यारा प्रमोद पुलिस को छकाता रहा। बाद में घेराबंदी करके पुलिस ने प्रमोद को दबोच लिया। पुलिस ने खून से सना चाकू व गड़ासा बरामद कर लिया है। कोतवाली पहुंचने पर प्रमोद ने पुलिस को बताया कि डेढ़ साल पहले उसकी शादी बाराबंकी के दमादरपुर निवासी छाया से हुई थी। बहन सुनीता के भड़काने पर पत्नी छाया उसे छोड़कर मायके में रहने लगी। वह इस बात से सुनीता से नाराज था।