अशिक्षा से समाज का विकास मुमकिन नहीं
कन्या भ्रूणहत्या को समाप्त करने के लिए सब एकजुट गंभीर प्रयास: जरीना उस्मानी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष जरीना उस्मानी ने कन्या भ्रूणहत्या पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहाकि इस कुरीति को खत्म करने के लिए सभी स्तर पर मिलजुल कर प्रयास करने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि तमाम वैधानिक व्यस्थाओं के होते हुए भी इस कुरीति का खत्म न होना बड़े दुःख की बात है। सिर्फ सरकारी प्रयासों से इस समस्या को हल नहीं किया जा सकता है। जरूरी है कि पूरा समाज, खास कर महिलाएं इस मुद्दे पर जागरूक हों और कन्या भ्रूणहत्या को पुरजोर ढंग से नकारें। उन्होंने कहा कि अगर वक्त रहते हम इसका निदान नहीं कर पाये तो एक दिन ऐसा आएगा जब पुरुषों के मुकाबले स्त्रियों की संख्या बहुत कम हो जायेगी। यह स्थिति एक संतुलित समाज के लिए बहुत सही नहीं होगी।
श्रीमती उस्मानी आज यहाँ राष्ट्रीय बालिका दिवस पर राज्य महिला आयोग द्वारा ‘बालिकाओं के सम्पूर्ण विकास में समाज की भूमिका’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित कर रहीं थी। उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूणहत्या के साथ-साथ घरेलू हिंसा पर भी ध्यान देने की जरुरत है क्योंकि इस हिंसा का भी शिकार महिलाएं ही होती हैं। उन्होंने कहा कि अनैतिक व्यवहार और अशिक्षा के चलते विकास संभव नहीं है। बालिकाओं को भी बालक के सामान ही शिक्षित किया जाना चाहिए। एक शिक्षित महिला पूरे समाज को शिक्षित कर सकती है और समाज के शिक्षित हो जाने पर ही कन्या भ्रूणहत्या, अनैतिक व्यवहार, घरेलू हिंसा तथा अन्य महिला एवं बालिका विरोधी समस्याओं पर काबू पाया जा सकता है। इस मौके पर उन्होंने राज्य महिला आयोग द्वारा महिलाओं की समस्याओं व शिकायतों के निदान के लिए किये जा रहे कार्यों पर विस्तार से चर्चा की।
इस संगोष्ठी के दौरान महिला आयोग के थीम गीत की एक सीडी भी जारी की गयी। .कन्या भ्रूणहत्या पर एक एनजीओ द्वारा तैयार डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की गयी। अपर पुलिस महानिदेशक सुश्री सुतापा सान्याल ने कन्या भ्रूणहत्या पर एक प्रस्तुतीकरण द्वारा अपने विचार रखे। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए पूर्व सांसद सुश्री सुशीला सरोज ने भी बालिकाओं व महिलाओं को शिक्षित बनाने पर बल दिया। इस अवसर पर आयोग के पदाधिकारियों के अलावा महिला कल्याण विभाग के निदेशक, स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में छात्राएं मौजूद थीं।