आरएसएस ‘अत्यंत राष्ट्रवादी’ संगठन
किरण बेदी ने गाये संघ के गुणगान
नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि से नहीं आने वाली दिल्ली में भाजपा की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार बनाई गइ’ किरण बेदी ने संघ को ‘अत्यंत राष्ट्रवादी’ संगठन करार देते हुए आज कहा कि इसने ‘भारत को एक रखा’ है।
पार्टी में शामिल होने के कुछ ही दिन के अंदर नेतृत्व की भूमिका में आ गयीं 65 वर्षीय बेदी का मानना है कि दक्षिणपंथी विचारधारा वाला संघ (आरएसएस) बहुत अनुशासित संगठन है और राष्ट्रनिर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
भाजपा में शामिल होने के कुछ ही दिन के भीतर दिल्ली में पार्टी की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार बनीं बेदी ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘संघ अत्यंत राष्ट्रवादी संगठन है। मैं सोचती हूं कि इस संगठन ने भारत को एक रखा है, भारत को उत्तम रखा है।’ करीब दो साल पहले तक अरविंद केजरीवाल के साथ अन्ना हजारे की टीम की अहम सदस्य रहीं पूर्व आईपीएस अधिकारी ने कहा कि केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने के एक महीने के अंदर राजपथ पर आंदोलन से उन्हें बहुत अफसोस हुआ।
बेदी ने कहा कि राजपथ पर केजरीवाल के विरोध प्रदर्शन के बाद ही उन्होंने दिल्ली को ‘टकराव की राजनीति’ से बचाने के लिए राजनीति में आने के बारे में सोचा। उन्होंने कहा, ‘मेरा राजनीति में आने का कारण दिल्ली शहर है। इस आदमी (केजरीवाल) के राजनीति में आने से दिल्ली में बड़े उतार-चढ़ाव देखे गये हैं। दिल्ली थम गई और केवल आंदोलन होते रहे, जो भारतीयों को बिल्कुल अच्छा नहीं लगा।’
बेदी ने कहा, ‘दिल्ली में जो भी होता है वह भारत में भी होता है। यह भारत को प्रभावित करता है। पूरी बात टकराव की है। पूरी बात राजपथ पर धरने की है। वह किस तरह के व्यक्ति हैं जो कहते हैं कि मैं अराजकतावादी हूं? तीन दिन तक दिल्ली थमी रही।’ उन्होंने आम आदमी पार्टी की कड़ी निंदा करने के साथ संघ की तारीफ करते हुए कहा कि लोग वास्तव में संघ को जानते ही नहीं हैं।
बेदी ने कहा, ‘आप उन्हें नहीं जानते। मैंने उन्हें देखा है। मैंने बहुत अनुशासित लोगों को देखा है जो बहुत-बहुत मजबूती से राष्ट्रवादी हैं। युवाओं को अनुशासन सिखाया जाता है।’ जब बेदी से पूछा गया कि वह केजरीवाल की बहस की चुनौती क्यों नहीं स्वीकार कर रहीं जबकि दो साल पहले उन्होंने खुद सोनिया गांधी से भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष नितिन गडकरी के साथ अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार अभियान की तरह बहस करने को कहा था। इस पर उन्होंने कहा कि वह नाटक का हिस्सा नहीं बनना चाहतीं।
उन्होंने कहा, ‘यह कोई चुनौती नहीं है। यह केवल नाटक है क्योंकि मैं सकारात्मक राजनीति कर रही हूं और विवाद की राजनीति नहीं कर रही।’ केजरीवाल को पार्टी बनाने पर घेरने वाली किरण बेदी के खुद राजनीति में शामिल होने पर हो रहीं आलोचनाओं पर उन्होंने कहा, ‘राजनीति बदलाव का माध्यम है, सुधार का माध्यम है और शासन का माध्यम है।’ उन्होंने कहा कि वह एक ध्येय के साथ भाजपा में शामिल हुई हैं।