रूफटाप सोलर इनर्जी प्लाण्ट लगाकर ऊर्जा का संरक्षण करें

 लखनऊ:  ऊर्जा की बढ़ती मांग और घटते हुए परम्परागत ऊर्जा स्रोत भण्डारों को देखते हुए अक्षय ऊर्जा (सोलर इनर्जी) समय की मांग है। सौर ऊर्जा प्राप्त

करने के लिए न तो कोल लींकेज की आवश्यकता है और न ही पर्यावरणीय अनापत्ति की। आवश्यकता यदि है तो केवल वित्तीय सामथ्र्यता की।

 उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष देश दीपक वर्मा आज यहां होटल क्लार्क्स अवध में आयोजित ‘रूफटाप सोलर पीवी सिस्टम के माध्यम

से ऊर्जा संरक्षण’ विषयक सेमिनार में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस सेमिनार का आयोजन यूपीनेडा द्वारा इंटरनेशनल कापर एसोसिएशन इंडिया के साथ संयुक्त रूप से किया गया। श्री वर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर पीक समय में 5 प्रतिशत तथा उत्तर प्रदेश में 14 प्रतिशत ऊर्जा की कमी रहती है। सौर ऊर्जा की

असीम क्षमता को देखते हुए इसके बड़े पैमाने पर दोहन की आवश्यकता है। इसी के मद्देनजर राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा नीति तथा रूफटाप सोलर पालिसी बनायी है। उन्होंने कहा कि कोई भी निजी व्यक्ति, निगमित अथवा अनिगमित कम्पनी रूफ टाप सोलर फोटो वोल्टाइक पावर प्लाण्ट लगाकर ऊर्जा की बचत कर सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए लम्बी अवधि के लिए बड़ी योजना बनाने की आवश्यकता है तथा इस कार्य में लोगों को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के माध्यम से हमें आफ ग्रिड विद्युत उत्पादन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उद्यमियों को सामूहिक कार्यक्रम बनाकर सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए आगे आना चाहिए।

 इससे पहले प्रमुख सचिव, अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत, श्री जीवेश नन्दन ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि राज्य सरकार सौर ऊर्जा के ऊपर विशेष ध्यान दे रही है तथा यह राज्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। उन्होंने कहा कि शुरूआत में सौर ऊर्जा थोड़ी मंहगी पडे़गी, लेकिन लम्बी अवधि में यह परम्परागत ऊर्जा मूल्य की तुलना में सस्ती पड़ेगी क्योंकि परम्परागत ऊर्जा मूल्य में प्रति वर्ष बढ़ोत्तरी अपरिहार्य है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 130 मेगावाट का पीपीए कर रखा है जिसमें 110 मेगावाट पर कार्य तेजी से चल रहा है तथा जून तक 110 मेगावाट को ग्रिड से जोड़ दिया जायेगा।

श्री नन्दन ने बड़े भवन स्वामियों, सार्वजनिक संस्थानों एवं बड़े बिल्डरों का आह्वान किया कि वे रूफटाप सोलर इनर्जी को व्यापक स्तर पर अपनाएं क्योंकि आगे चलकर सौर ऊर्जा सस्ती पड़ेगी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार इसमें सब्सिडी भी अनुमन्य होगी।

सेमिनार में बताया गया कि कानपुर में रूफटाप सोलर पीवी सिस्टम अपनाकर कानपुर प्लास्टिक पैक ने 6000 वर्ग मीटर में सोलर पैनल लगाया है तथा इससे 800 यूनिट प्रतिदिन बिजली का उत्पादन हो रहा है। इसकी स्थापना में 1.20 करोड़ रुपये की लागत आयी है तथा अगले 5 साल में इसकी लागत निकल आयेगी। इस प्रकार देखा जाय तो आगे के सालों में इस पर केवल आपरेशनल और मेन्टीनेंस चार्ज ही लगेगा।