आरटीआई आवेदक को धमकाने वाले ग्राम प्रधान के विरुद्ध जांच के आदेश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने वादी धर्मपाल राणा के मामले की सुनवाई के बाद प्रतिवादी जन सूचना अधिकारी बिजनौर अजमल हुसैन, ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम पंचायत सुल्तानपुर, आज़मपुर बनी गणेश, विकास खण्ड कोतवाली बिजनौर के विरुद्ध 250 रुपये प्रतिदिन की दर से अधिकतम 25 हजार रुपये सीमा तक का आर्थिक दण्ड अधिरोपित किया है।
वादी धर्मपाल राणा ने आयोग के समक्ष एक पत्र प्रस्तुत करते हुए शिकायत दर्ज करायी है कि ग्राम प्रधान ने फोन पर अपशब्द कहते हुए वादी को जान से मारने की धमकी दी है। इस सम्बन्ध में वादी श्री धर्मपाल राणा ने स्थानीय थाना नगीना, देहात रायपुर बिजनौर के थानाध्यक्ष से की तो ग्राम प्रधान ने थानाध्यक्ष से मिलकर वादी को एस0सी0/एस0टी0 के फर्जी केस में फंसाने की धमकी देकर जबरदस्ती फैसला लिखवा कर आयोग में न जाने की धमकी दी। इस पूरे घटनाक्रम की लिखित जानकारी वादी ने आयोग के समक्ष प्रस्तुत की। आयोग ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए, आई0जी0 मुरादाबाद को पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच करने के आदेश दिए हैं।
सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान ने वादी श्री धर्मपाल राणा के द्वारा प्रस्तुत प्रार्थनापत्रों की जांच करते हुए वादी, प्रतिवादी जन सूचना अधिकारी, ग्राम प्रधान, थानाध्यक्ष नगीना देहात रायपुर सभी के लिखित बयान दर्ज कराकर आयोग को 30 दिन के भीतर संबंधित अभिलेखों के साथ विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने एस0एस0पी0 बिजनौर को यह भी निर्देश दिया है कि प्रतिवादी जन सूचना अधिकारी/मोहम्मद अजमल हुसैन, ग्राम पंचायत अधिकारी सुल्तानपुर, आजमपुर, बनी गणेश विकास खण्ड कोतवाली बिजनौर को सुनवाई की अगली तिथि 18 मार्च, 2015 को आयोग में उपस्थिति सुनिश्चित करायें।
सूचना आयुक्त श्री उस्मान ने आर0टी0आई0 आवेदकों द्वारा अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण मण्डल बिजनौर के कर्मचारियों से अभद्रता करने के मामले की भी जांच के आदेश बिजनौर के पुलिस अधीक्षक को दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि आर0टी0आई0 आवेदक अथवा विभागीय अधिकारी जो भी हो उनको सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत ही सूचना मांगने एवं प्राप्त कराने की विधिक प्रक्रिया के अनुसार आचरण करना चाहिये। अमर्यादित आचरण करने, अपशब्दों का प्रयोग करने, डराने, धमकाने, पीड़ित करने जैसी गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाने हेतु आयोग द्वारा सख्त कार्रवाई की जायेगी।