‘स्टेट न्यूट्रीशन मिशन’ के झूठे दावे
अभी ज्यादा दिन नहीं हुए हैं जब हाल ही में बीते नवम्बर माह में यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने अपने सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग पर भारी सरकारी तामझाम और चमक-दमक के साथ आयोजित कार्यक्रम में बाल विकास पुष्टाहार मंत्री की उपस्थिति में कुपोषण के खिलाफ ‘राज्य पोषण मिशन’ (स्टेट न्यूट्रीशन मिशन) का शुभारंभ किया था l सीएम अखिलेश ने स्टेट न्यूट्रीशन मिशन के तहत जरूरतमंद लोगों तक पौष्टिक पदार्थ पहुंचाने और इस मिशन से सूबे की एक लाख महिलाओं को जोड़े जाने को अपना मकसद बताया था।
यूपी के बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार निदेशालय द्वारा मेरी एक आरटीआई के जबाब से सीएम अखिलेश ने स्टेट न्यूट्रीशन मिशन के तहत जरूरतमंद लोगों तक पौष्टिक पदार्थ पहुंचाने और इस मिशन से सूबे की एक लाख महिलाओं को जोड़े जाने को अपना मकसद बताने सम्बन्धी अखिलेश सरकार की मंशा पर जबरदस्त जबरदस्त प्रश्नचिन्ह् लग रहा है l
यूपी के बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार निदेशालय द्वारा मेरी एक आरटीआई पर दिए जबाब के अनुसार यूपी में मायाराज हो या अखिलेशराज, पिछले पांच सालों में यूपी सरकार ने ‘कुपोषण’ के सम्बन्ध में कोई भी स्टडी या सर्वे नहीं कराया है l बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार निदेशालय द्वारा दिए जबाब के अनुसार यूपी सरकार के पास पिछले पांच सालों में ‘कुपोषण’ की समस्या से ग्रसित पुरुषों , महिलाओं, किन्नरों, वालकों, वालिकाओं और शिशुओं की संख्या की कोई भी सूचना नहीं है l
मेरा सवाल है कि जब यूपी में सरकार ने पिछले पांच सालों में ‘कुपोषण’ के सम्बन्ध में कोई कोई भी स्टडी या सर्वे नहीं कराया है और यूपी सरकार के पास पिछले पांच सालों में ‘कुपोषण’ की समस्या से ग्रसित पुरुषों , महिलाओं, किन्नरों, वालकों, वालिकाओं और शिशुओं की संख्या की कोई सूचना भी नहीं है तो आखिर किस आधार पर अखिलेश ने स्टेट न्यूट्रीशन मिशन के शुभारम्भ पर जरूरतमंद लोगों तक पौष्टिक पदार्थ पहुंचाने और इस मिशन से सूबे की एक लाख महिलाओं को जोड़े जाने के दावे कर
दिए दिए थे ? मेरा मानना है कि जरूरतमंदों के सम्बन्ध में बिना तथ्यों के ही उन तक पौष्टिक पदार्थ पहुंचाने और इस मिशन से सूबे की लाखों महिलाओं को जोड़े जाने के दावे कर अखिलेश ने ‘कुपोषण’ जैसी समस्या को भी अपने घिनौने राजनैतिक दाँव-पेंचों में फाँसकर सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए झूँठ बोलकर वास्तविक कुपोषितों का मज़ाक बनाया है l
मेरा प्रश्न यह भी है कि आखिर कब शर्म करेंगे और आखिर कब तक अखिलेश सूबे की जनता को इस प्रकार मूर्ख बनाने के लिए ऐसे झूठे-झूठे हथकंडे अपनाते रहेंगे ? क्या अखिलेश गम्भीरतापूर्वक कार्य भी करेंगे या नयी घोषणाएं और महज कोरी भाषणबाजी ही होती रहेगी ?