यूपी के चहुमुखी विकास का चल रहा है प्रयास: मुख्यमंत्री
लखनऊ में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 20वीं बैठक सम्पन्न
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज यहां मध्य क्षेत्रीय परिषद की 20वीं बैठक में केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह सहित सदस्य राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्रियों शिवराज सिंह चौहान, रमन सिंह तथा हरीश रावत एवं मुख्य सचिवों तथा भारत सरकार के अधिकारियों व अन्य प्रदेशों के अधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार उत्तर प्रदेश का चहुमुखी विकास के लगातार प्रयास कर रही है।
बैठक में सदस्य राज्यों की पुलिस व्यवस्था के आधुनिकीकरण के मुद्दे पर सहमति और आधुनिकीकरण के लिए धन उपलब्धता पर बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश में पुलिस आधुनिकीकरण के लिए लगभग साढ़े छः हजार करोड़ रुपए के प्रस्ताव को विचार हेतु स्वीकार किया है। नक्सल मुद्दे पर भी उत्तर प्रदेश ने छत्तीसगढ़ के प्रस्ताव का समर्थन किया है। राज्यों ने एक स्वर से वामपंथी अतिवादियों (नक्सलियों) पर नकेल लगाने में राज्यों की पूरी मदद का केन्द्र से अनुरोध किया है। राज्यों ने नई परिस्थितियों में जेलों के आधुनिकीकरण पर भी जोर डाला है।
श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाने के लगातार प्रयास कर रही है। विद्युत उत्पादन बढ़ाने के लिए राज्य सरकार को कोयले की त्वरित आपूर्ति की आवश्यकता है, चूंकि उत्तर प्रदेश से समुद्र तट दूर हैं, ऐसे में कोयले की सप्लाई में निरन्तरता बनाए रखने में दिक्कत होती है। उन्होंने केन्द्र सरकार से अनुरोध किया कि इस समस्या का त्वरित समाधान निकालना आवश्यक होगा। राज्य में सड़कों का संजाल बिछाने पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि सभी मुख्यालयों को 04 लेन सड़कों से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि कई सड़कें पूरी की जा चुकी हैं, जबकि कई सड़क परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिए केन्द्र सरकार के सहयोग की आवश्यकता है।
श्री यादव ने महत्वाकांक्षी आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे परियोजना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राज्य सरकार इस परियोजना को अपने संसाधनों से लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि एच.सी.एल. लखनऊ में आई.टी. सिटी की स्थापना करने जा रही है। इसी प्रकार प्रदेश में अमूल के सहयोग से डेयरी परियोजना लगाई जा रही है। उन्होंने कहा कि कामधेनु योजना के माध्यम से भी प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही, इससे रोजगार के अवसर भी सृजित हो रहे हैं। गरीबों तथा दबे-कुचले वर्गों की मदद के लिए समाजवादी पेंशन योजना लागू की गई है, जिसका लाभ 40 लाख गरीब परिवारों को मिलेगा और पेंशन की राशि सीधे लाभार्थी के खाते में स्थानांतरण की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में विभिन्न विकास तथा जनहित योजनाएं चलाकर लोगों की मदद कर रही है। बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों से सम्बन्धित मामलों में पूरा सहयोग करेगा।
बैठक के उपरान्त आयोजित प्रेसवार्ता में चर्चा के निष्कर्षों की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने बताया कि बैठक में इन चारों प्रदेशों में सड़कों के घनत्व पर चर्चा हुई। उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्रियों ने राज्यों में सड़कों के घनत्व की कमी को रेखांकित किया और कहा कि सड़क निर्माण से सम्बन्धित योजनाओं को त्वरित गति से पूरा किया जाए। जो सड़कें राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, उन्हें केन्द्रीय एजेंसी शीघ्रातिशीघ्र पूरा करें।
राज्यों के विकास में पर्यावरण सम्बन्धी मुद्दों के कारण होने वाली अड़चनों पर उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड ने जोरदार ढंग से बात रखते हुए कहा कि लोगों के विकास से जुड़े परियोजनाओं पर तेजी से निर्णय लिया जाना चाहिए। इसके लिए फाॅरेस्ट एक्ट में विकास से जुड़ी परियोजनाओं के लिए आवश्यक शिथिलता की बात उठाई गई। राज्यों ने कहा कि नदियों, नहरों की डी-सिल्टिंग को पर्यावरण का मुद्दा नहीं मानना चाहिए। राज्यों ने विकास परियोजनाओं के लिए जंगल साफ करने में कम्पेनसेटरी धन जमा करने पर आने वाली दिक्कतों की भी बातें उठाईं और उस पर समुचित व्यवस्था करने का आग्रह किया।
मुख्य सचिव ने बताया कि बैठक में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम पर भी चर्चा राज्यों से की गई। केन्द्र सरकार चाहती है कि इसे आगामी 15 अप्रैल तक लागू कर दिया जाए। इसके अलावा प्रारम्भिक शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव पर भी चर्चा हुई है और कक्षा 08 तक परीक्षाएं न कराए जाने की स्थिति में भी गुणवत्तापरक पढ़ाई सुनिश्चित कराने के लिए नये तरीके खोजने पर जोर दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश ने राज्य में वाॅटर टेबल के नीचे जाने की स्थिति में ग्राउण्ड वाॅटर रीचार्ज का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। मुख्य सचिव ने कहा कि इसके लिए केन्द्र सरकार को 90 प्रतिशत फण्डिंग की व्यवस्था करनी चाहिए। इसके साथ ही उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश के बीच जल के उपयोग, सम्पत्तियों के बंटवारे आदि के मुद्दों पर भी चर्चा की गई है। उत्तराखण्ड ने उत्तर प्रदेश के नियंत्रण वाली नहरों और जल विद्युत परियोजनाओं तथा जामरानी प्रोजेक्ट पर चर्चा की, जिसके बाद जामरानी प्रोजेक्ट पर निर्णय लेने के लिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के मुख्य सचिवों की एक कमेटी बनाई गई है। रेलवे ने राज्यों से उन सभी रेलवे फाटकों को बंद करने में सहयोग देने को कहा, जहां पर रेलवे ओवर ब्रिज बन गए हैं।
मुख्य सचिव ने बताया कि प्रशासनिक आयोग की बैठक में विलम्ब न कराने और जल्दी-जल्दी बैठक कराने पर सहमति बनी है।
अंतर्राज्य परिषद के सचिव एच.के. दास ने मध्य क्षेत्रीय परिषद के गठन के ऐतिहासिक तथ्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह खुशी की बात है कि मध्य क्षेत्रीय परिषद केन्द्र राज्य सम्बन्धों के अलावा राज्यों के बीच आपसी सम्बन्धों को मजबूत करने वाली सिद्ध हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सोच है कि राज्यों के विकास के बिना देश का विकास असम्भव है, इसलिए देश में सहकारी संघवाद (को-आॅपरेटिव फेडरलिजम) का प्रारम्भ प्रधानमंत्री ने कराया है और मध्य क्षेत्रीय परिषद के माध्यम से राज्यों के मध्य आपसी समन्वय बढ़ा है।