अनुच्छेद 370, आफ्स्पा पर हो रहा है काम : जितेंद्र सिंह
नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के लिए कथित तौर पर पीडीपी के साथ बातचीत कर रही भाजपा ने आज कहा कि अनुच्छेद 370 और सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (आफ्स्पा) जैसे विवादास्पद मुद्दों के हल के लिए ‘अधिकृत व्यक्ति’ काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय में केंद्रीय राज्य मंत्री और जम्मू-कश्मीर के एक वरिष्ठ नेता जितेंद्र सिंह ने हालांकि ज्यादा विस्तार में न जाते हुए कहा कि राजनीतिक स्थिति ‘अस्थिर’ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य में जो भी सरकार बनेगी, उसमें भाजपा को एक अहम भूमिका निभानी होगी।
एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में स्थिति अस्थिर है और पार्टी नेतृत्व इससे निपट रहा है।’ सिंह ने यह नहीं बताया कि पार्टी राज्य में किसके साथ गठबंधन करने की कोशिश कर रही है लेकिन ऐसी खबरें हैं कि वह एक गठबंधन सरकार बनाने के लिए पीडीपी के साथ संपर्क में है। राज्य की 87 सदस्यीय विधानसभा में 28 सीटें जीत कर पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। वहीं भाजपा को 25 सीटें मिली हैं।
उन्होंने कहा, ‘भविष्य की व्यवस्था, जो भी हो, भाजपा को एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में ‘एक ऐसी ताकत बनकर उभरी है, जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।’
सिंह ने कहा, ‘भाजपा ने राज्य में 25 सीटें जीतकर इतिहास रचा है।’ ऐसा माना जा रहा है कि अनुच्छेद 370 और आफ्स्पा जैसे विवादास्पद मुद्दे भाजपा और पीडीपी के बीच वार्ताओं के मार्ग में बाधा बने हुए हैं। इन मुद्दों के बारे में सिंह ने कहा कि ‘अधिकृत व्यक्ति’ पहले ही इस पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैं टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा। इस चरण में तो बिल्कुल नहीं क्योंकि जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के मुद्दे पर अभी कुछ भी तय नहीं है और अधिकृत लोग पहले ही इसपर (आफ्स्पा और अनुच्छेद 370) काम कर रहे हैं। इसलिए मेरी ओर से की गई कोई टिप्पणी शायद चल रही प्रक्रिया के अनुकूल न हो।’
अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर भाजपा और पीडीपी के विचार एक दूसरे से विरोधाभास लिए हुए हैं। भाजपा इस अनुच्छेद को हटाए जाने के पक्ष में है जबकि पीडीपी ऐसा नहीं चाहती। इस अनुच्छेद से राज्य को विशेष दर्जा मिलता है। इसी तरह दोनों दल आफ्स्पा पर भी एक-दूसरे से अलग-अलग राय रखते हैं। पीडीपी इसे खत्म करना चाहती है जबकि भाजपा ऐसा किए जाने के खिलाफ है।
जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत न मिलने के कारण राष्ट्रपति ने राज्य में राज्यपाल शासन लगा दिया है। 15 सीटें जीतने वाली नेशनल कांफ्रेंस ने हाल ही में पीडीपी को बाहर से समर्थन की पेशकश की थी लेकिन पीडीपी ने इसे अस्वीकार कर दिया।