उसका दामन भर रही है बरकते शाहे रज़ा
दादा मियां के उर्स का आगाज, अकीदतमंदों का हुजूम
लखनऊ। आपके दरबार में जिसने लगाई हाजिऱी, उसका दामन भर रही है बरकते शाहे रज़ा। नवाज अहमद गाजीपुरी का यह शेअर एक शक्ल के रूप में तब नजर आया जब आज से शुरू हुए हजरत ख्वाजा मोहम्मद नबी रज़ा शाह अलमारूफ दादा मियाँ के 107 वें उर्स में आस्ताने पर जमा अकीदतमंदों की भीड़ हाथ फैलाकर अपनी मुरादें मांगती हुई नजर आयी।
दारूल ऊलूम वारिसया व दारूल ऊलूम जिय़ाउल र्कुआन के तलवा की तिलावते कलामे पाक से दादा मियाँ के उर्स का बाकायदा आगाज हुआ और यह दौर पूरा दिन चलता रहा जिसमें हाफिज नौशाद साहब, कारी महमूद साहब, कारी अहमद फसाहती, कारी मोहम्मद जरीफ आदि लोग मौजूद रहे। कुरआन ख्वानी के इख्तिेताम पर मस्जिद शाहे रज़ा के इमाम हाफिज अब्दुल हन्नान फसाहती ने दुआ की।
उर्स में मेहमानों की भीड़ आनी शुरू हो चुकी है, जिसमें बनारस, बरेली, भिवन्डी, बम्बई, फरीदपुर, बहराईच अािद स्थानों से जायेरीन हजरात व सूफिया किराम तशरीफ ला चुके हैं, आज उर्स का पहला दिन था। आज बाद नमाज़े ईंशा महफिले मीलाद शरीफ हुआ जिसमें मौलाना जाहिद रज़ा मिस्बाही, मौलाना मोहिब्बुल हक़, के नूरानी बयानों से जायेरीन हजरात ने अपने दिलों दिमाग को रौशनी बख्शी,और दाद ओ तहसीन हासिल किये। महफिले मीलाद का इख्तिेताम दुआ ख्वानी पर हुआ जिसमें काजीए शहर मौलाना मुफती अबुल इरफान फिरंगी महली ने दुआ फरमाई। महफिले मीलाद में उर्स में आये हुये जायरीने हजरात व सूफी हजरात ने भारी संख्या में शिरकत की।
मीलाद शरीफ के बाद एक तरही मुशायरे का आयोजन भी हुआ, जिसमें शहर व बैरूने शहर से आये हुये मशहूर शायरों नें शिरकत की जिनमें सोहेल काकोरवी, रिज़वान फारूकी, जिय़ा अल्वी, वासिफ फारूकी, फैज़ सययद, बशीर फारूकी, संजय मिश्रा शौक, शारिक सीतापुरी, सलीम दानिश, नवाज़ सईदी गाजी़पुरी, फारूक आज़म, राजीव प्रताप, खुशतर रूवानी सीतापुरी, कुमार आदि शायरों ने दादा मियाँ की शान में बेहतरीन कलाम पेश किये। मुशायरे की निज़ामत बशीर फारूकी ने की। मुशायरा देर रात तक चलता रहा। मुशायरे में पसन्द किये गये कुछ अशआर निम्र हैं:
इस तरह से सुबूते वफा दीजिए
दिल को शाहे रज़ा पर लुटा दीजिए।
सोहेल काकोरवी
आपके दरबार में जिसने लगाई हाजिऱी
उसका दामन भर रही है बरकते शाहे रज़ा।
नवाज़ अहमद गाजी़ पुरी
कल होने वाले प्रोग्राम इस तरह से है-
ं सुबह बाद नमाज़े फज्र र्कुआन ख्वानी।
शाम पाँच बजे सरकारी चादर द्वारा जिलाधिकारी महोदय
रात्रि 8:00 बजे हल्काए जिक्र्र उसके बाद महफिले समा जिसका सिलसिला रात भर चलता रहेगा।