दादा मियां का उर्स 14 फरवरी से
तैयारियां मुकम्मल,अकीदतमंदों की आमद शुरू
लखनऊ। हज़रत ख्वाजा नबी रज़ा शाह दादा मियां का 107 वां सालाना उर्स व मेला आस्ताना दादा मियां माल एवेन्यू में १14 जनवरी से आयोजित होगा। दरगाह शरीफ पर आज आयोजित प्रेस कान्फ्रेस में आयोजन समिति के सेक्रेट्री फरहत मियां ने उर्स के बारें में पत्रकारों को विस्तार से जानकारी दी।
फरहत मियां ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी उर्से पाक 14 से 18 जनवरी तक आस्ताना दादा मियां माल एवेन्यू में होगा जिसमें जिक्र मीलाद शरीफ, तरही मुशायरा, चादर पोशी, हल्काएं जिक्र, महफिले समा, कुल शरीफ, रंगे महफिल, गुस्ल व सन्दल शरीफ का प्रोग्राम होगा। उन्होंने बताया कि उर्स में शरीक होने के लिए मुल्क भर से लाखों अकीदतमन्दों के आने की सम्भावना है। इस अवसर पर सज्जादानशीन व मुतवल्ली ख्वाजा मोहम्मद सबाहत हसन शाह ने बताया कि उर्स में आये हुये लोगों की तालीमों तरबीयत का खास ख्य़ाल रखा जाता है उन्हें जि़न्दगी गुजारने का तरीका बताया जाता व सिखाया जाता है,उनके दिलो दिमा$ग को जिक्र से पाक व साफ किया जाता है। और उनकी रूहानी प्यास को महफिले समा के ज़रिये बुझाया जाता है। उन से खुदा और खुदा के बन्दों की याद दहानी भी कराई जाती है, जो समाज की भलाई के लिए निहायत ही ज़रूरी है, आपसी भाईचारगी कौमी यकजहती अमनों अमान का भी दर्स दिया जाता है इन्हें वतन से मोहब्बत करने का ज़ौको शौक भी दिलाया जाता है, ताकि जब वो अपने-अपने घरों को वापस जाये तो एक बेहतरीन समाज की बुनियाद रख सकें। जो कि उर्स के एहतमाम का असल मकसद और पैगाम हुआ करता है।
उर्स के प्रोग्राम
14 जनवरी: कुर्आन ख्वानी, महफिले मीलादे पाक, तरही मुशाएरा
15 जनवरी: कुर्आन ख्वानी, सरकारी चादर, हलकाए जिक्र, महफिल समा
16 जनवरी: कुर्आन ख्वानी, आम चादर पोशी, हलकाए जिक्र, महफिले समा
17 जनवरी: कुर्आन ख्वानी, कुल शरीफ, रंगे महफिल, हलकाए जिक्र, महफिले समा
18 जनवरी: कुर्आन ख्वानी, कुल शरीफ, रंगे महफिल, गुस्ल व संदल शरीफ, कौमी यकजहती कवि सम्मेलन