कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन में शामिल होंगे 15 हज़ार प्रतिनिधि
दिल्ली:
24 फरवरी 2023 से रायपुर में कांग्रेस का पूर्ण अधिवेशन होगा। इससे पहले कांग्रेस ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस इस अधिवेशन के बारे में जानकारी दी। पार्टी नेता वेणुगोपाल ने बताया कि यह 2024 के संसदीय चुनावों की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा। इस पूर्ण सत्र में भाग लेने के लिए लगभग 15,000 प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है।
पार्टी महासचिव जयराम ने कहा कि इस अधिवेशन की ख़ास बात यही है कि यह ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बारे में हैं। हम मानते हैं कि विपक्ष की एकता जरूरी है, लेकिन विपक्ष की एकता के लिए ‘भारत जोड़ो यात्रा’ नहीं निकाली गई। हालांकि, विपक्ष की एकता यात्रा का परिणाम जरूर हो सकती है। उन्होंने आगे बताया कि 26 फरवरी को हमारा अधिवेशन 2 बजे समाप्त हो जाएगा और फिर शाम 4 बजे एक रैली होगी। इस रैली में छत्तीसगढ़ के साथ ही अधिवेशन में पहुंचे 15 हजार लोग शामिल होंगे।
जयराम रमेश ने आगे कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से हमें जो ऊर्जा मिली है, हम उसे ही आगे बढ़ाने जा रहे हैं। इस अधिवेशन में हम राजनीति, यूथ, SC-ST और सोशल जस्टिस से जुड़े अहम प्रस्ताव लेने जा रहे हैं। इन प्रस्तावों को लेकर पार्टी जो भी आदेश करेगी, वैसा ही हम करेंगे।
कांग्रेस नेता ने कहा कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी एकजुटता के संदर्भ में चर्चा की जाएगी एवं आगे का रुख तय किया जाएगा। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस के बिना कोई भी गठबंधन विफल हो जाएगा और विपक्ष में कोई भी गठबंधन कांग्रेस के बिना सफल नहीं हो सकता। पार्टी अपनी पूर्ण बैठक में राज्यों में गठबंधन के साथ-साथ 2024 के आम चुनाव पर भी चर्चा करेगी।
उन्होंने कहा कि यह झूठा प्रचार है कि कांग्रेस गठबंधन के विचार के खिलाफ है, हम केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, झारखंड, बिहार और पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में गठबंधन में हैं।उन्होंने कहा कि कांग्रेस समान विचारधारा वाली पार्टियों को साथ लेने की कोशिश कर रही है और बजट सत्र में विपक्ष ने संयुक्त रूप से कुछ को छोड़कर अडानी हिंडनबर्ग रिपोर्ट में जेपीसी की मांग की।
जयराम ने शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान का भी स्वागत किया कि कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी को बिना किसी देरी के विपक्षी एकता पर फैसला लेना चाहिए। कुमार ने कहा था कि, ‘अगर कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल मिलकर चुनाव लड़ें तो अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 100 से कम सीटें मिलेंगी।’
मुख्यमंत्री ने कहा, बिहार में महागठबंधन सरकार बनने के तुरंत बाद मैंने राहुल गांधी और सोनिया गांधी से मुलाकात की। अब मैं विपक्षी एकता पर कांग्रेस के फैसले का इंतजार कर रहा हूं।कुमार ने कहा, अगर कांग्रेस विपक्षी एकता का नेतृत्व करती है और मेरे सुझाव लेती है, तो बीजेपी को लोकसभा चुनाव में 100 से कम सीटें मिलेंगी। हम बिहार में विपक्षी एकता के लिए काम कर रहे हैं।
नीतिश कुमार ने कहा, जब मैं एनडीए से बाहर आया, तो हर विपक्षी दल ने मेरा स्वागत किया। अगर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले हर विपक्षी दल एकजुट हो गया, तो बीजेपी को सफेदी का सामना करना पड़ेगा। देश का नेतृत्व करने की मेरी कोई व्यक्तिगत इच्छा नहीं है। मैं सिर्फ बदलाव चाहता हूं। जो कुछ भी है, विपक्षी दलों द्वारा तय किया गया है, मैं इसे स्वीकार करुंगा।