लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत देश में बनेंगे 1 हजार मकान, प्रधानमंत्री ने रखी आधारशिला
नयी दिल्ली: आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छह राज्यों के छह शहरों में वैश्विक आवासीय प्रौद्योगिकी चुनौती-भारत (GHTC-India) के तहत हल्के मकानों से जुड़ी परियोजनाओं की आधारशिला रखी। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक समारोह में PMमोदी ने सस्ते और टिकाऊ आवासीय उत्प्रेरक (AASHA- India) के तहत विजेताओं की घोषणा भी की।
आवास निर्माण की दिशा में नई राह
इस अवसर पर PM मोदी ने कहा कि आज मध्यम वर्ग के लिए घर बनाने के लिए देश को एक नई तकनीक मिल रही है। ये 6 लाइट हाउस प्रोजेक्ट देश को आवास निर्माण की दिशा में राह दिखाएंगे। ये को ऑपरेटिव फेडरलिज्म की मिसाल है।
पहले के समय का ज़िक्र
उन्होंने कहा कि ये लाइट हाउट प्रोजेक्ट आधुनिक तकनीक से बनेंगे। ये इतने ज्यादा मजबूत होंगे और गरीबों को एक सुविधाजनक और आरामदायक घर मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि एक समय था जब निर्माण सरकार की प्राथमिकता में नहीं था, लेकिन इसे बदला गया। अब आवास निर्माण भी स्टार्ट अप की तरह चुस्त दुरूस्त रहेंगे।
365 दिनों में बनेंगे 1 हजार मकान
PM मोदी ने कहा कि, “लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत देश के 6 शहरों में 365 दिनों में1 हजार मकान बनेंगे। इसका मतलब ये है कि रोजाना ढाई से तीन मकान बनेंगे। ” इसके साथ उन्होंने इंजीनियर, विद्यार्थियों और प्रोफेसरों से अपील की कि वे इन साइटों पर जाएं और इन प्रोजेक्ट का गहन अध्ययन करें। PM मोदी का कहना था कि घर की चाभी मिलना सिर्फ दरवाजा या दीवार का मालिकाना हक मिलना नहीं होता है। ये चाभी लोगों के विकास और उनकी प्रगति का द्वार खोलती है। ये घर की चाभी दिमाग के द्वार भी खोल देती है, इससे लोगों के सपनों को पंख लेट हैं। इससे व्यक्ति को अपने समाज में सम्मान मिलता है। “
मज़दूरों के महत्त्व का पता चला
PM मोदी ने कहा कि, “लॉकडाउन के दौरान लोगों ने प्रवासी मजदूरों की दुश्वारियां देखी, शहरों में कई बार उन्हें उचित सम्मान नहीं मिलता था, लेकिन जब ये श्रमिक अपने गांव चले गए तो इनके महत्व का पता चला। सरकार अब इन मजदूरों के लिए वहीं पर घर बनाने जा रही है यहां पर ये काम करते थे। अब यह भी कोशिश की जा रही है कि जहां मजबूर काम करते हैं वहीं पर बनाकर इन्हें घर दिया जाए।”