मुख्यमंत्री योगी ने गंगा किनारे कल्पवृक्ष का पौधा रोपा, 35 करोड़ पौधरोपण कालक्ष्य
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद बिजनौर स्थित महात्मा विदुर की तपोस्थली विदुर कुटी से वृक्षारोपण जन अभियान-2023 का शुभारम्भ किया। उन्होंने गंगा नदी के किनारे कल्पवृक्ष के पौधे का रोपण करके अभियान की शुरुआत की। ज्ञातव्य है कि ‘वृक्षारोपण जन अभियान-2023’ के अन्तर्गत प्रदेश में 35 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य है। इसमें 22 जुलाई, 2023 को 30 करोड़ तथा 15 अगस्त, 2023 को 05 करोड़ पौधरोपण किया जाना लक्षित है।
मुख्यमंत्री ने पौधरोपण के उपरान्त आयोजित कार्यक्रम मंे जनपद बिजनौर के विकास से सम्बन्धित 445 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की 287 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इनमें लगभग 233 करोड़ रुपये लागत की 155 विकास परियोजनाआंे का लोकार्पण तथा 212 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की 132 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास सम्मिलित है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी ने विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को प्रतीकात्मक चेक, चाभी, गोल्डन कार्ड व लैपटाॅप वितरित किए। उन्होंने वन विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तिका का विमोचन भी किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए परम आवश्यक है कि धरती पर अधिक से अधिक वृक्षारोपण किया जाए। उन्होंने बिजनौर वासियों को बधाई देते हुए कहा कि वृक्षारोपण जन अभियान-2023 का शुभारम्भ प्रदेश के उस जनपद से किया जा रहा है, जहां से प्रदेश में गंगा जी का प्रवेश होता है। पांच हजार वर्ष पूर्व गंगा जी का मुख्य प्रवाह विदुर कुटी से होता था, जिससे यह क्षेत्र अत्यधिक उपजाऊ, वन सम्पदा और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण था। शासन द्वारा गंगा जी के प्रवाह को विदुर कुटी तक लाने के लिए परियोजना बनाई जा रही है, जिसका शीघ्रता के साथ क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण एवं जीवन की सुरक्षा के लिए वृक्षारोपण अत्यन्त जरूरी है। सभी लोग सक्रिय सहभागिता कर पर्यावरण संरक्षण को समर्पित वृक्षारोपण जन अभियान-2023 को सफल व सार्थक बनाएं। हम सभी का उद्देश्य प्रदेश को हरित राज्य बनाने का है। विगत 06 वर्षों में उत्तर प्रदेश में 131 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए हैं। इससे प्रदेश का ग्रीन कवर बढ़ाने में उल्लेखनीय मदद मिली है। परमात्मा की असीम कृपा वाले उत्तर प्रदेश में वन महोत्सव अब जन आन्दोलन का स्वरूप ले चुका है।