भड़काऊ नारेबाजी में बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय का भी नाम, गिरफ़्तारी संभव!
टीम इंस्टेंटख़बर
दिल्ली में धर्म विशेष के खिलाफ नारे लगाने वालों में बीजेपी प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय भी शामिल थे. पुलिस सूत्रों के अनुसार उनका गिरफ्तारी हो सकती है. दिल्ली पुलिस अश्विनी उपाध्याय और अन्य चिन्हित लोगों की गिरफ्तारी के लिए रेड कर रही है. किसी भी वक्त सभी को गिरफ्तार किया जा सकता है.
पुलिस ने कहा कि कानून के मुताबिक इस मामले में कार्रवाई की जा रही है. किसी भी सांप्रदायिक विद्वेष को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. बता दें कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरस हो रहा है जिसमें जंतर-मंतर पर एक प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम विरोधी नारेबाजी हो रही है. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया है.
मामले में सोमवार देर शाम ही अश्वनी उपाध्याय को कनॉट पैलेस थाने बुलाया गया है. साथ ही दिल्ली पुलिस अश्विनी उपाध्याय और अन्य चिन्हित लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी भी कर रही है. माना जा रहा है कि किसी भी वक्त सभी को गिरफ्तार किया जा सकता है.
सोमवार को इससे पहले दिल्ली पुलिस ने कहा था कि कल की घटना में शामिल अश्विनी उपाध्याय और अन्य को गिरफ्तार किया जाएगा. दिल्ली पुलिस इस मामले को कानून के अनुसार कदम उठा रही है और कह रही है कि किसी भी तरह के सांप्रदायिक विद्वेष को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
हालांकि उपाध्याय ने मुस्लिम विरोधी नारेबाजी की घटना में किसी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है. उन्होंने आज दिन में कहा, “मैंने वायरल हो रहे वीडियो की जांच के लिये दिल्ली पुलिस को एक शिकायत दी है. अगर वीडियो प्रमाणिक है तो इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.”
उपाध्याय ने कहा, “मुझे कोई जानकारी नहीं है कि वे कौन हैं. मैंने उन्हें पहले कभी नहीं देखा, कभी उनसे मिला नहीं हूं और न ही उन्हें वहां बुलाया था. जब तक मैं वहां था, वे वहां नहीं दिखे. अगर वीडियो फर्जी है, तो भारत जोड़ो आंदोलन को बदनाम करने के लिये झूठा प्रचार किया जा रहा है.”
इससे पहले आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने अश्विनी उपाध्याय के खिलाफ पुलिस को शिकायत करने के बाद ट्वीट करते हुए कहा कि “देश की राजधानी दिल्ली में संसद से कुछ ही दूर पर एक वर्ग को खुलेआम काटने की धमकी देने वाले गुर्गों के ख़िलाफ पुलिस कमिश्नर को लिखित शिकायत कर एनएसए और यूएपीए के तहत सख्त कार्रवाई की मांग की. पीएमओ सबूत सामने होते हुए भी कार्रवाई में देरी आख़िर क्यों हो रही है?”