भाजपा सरकार लोकतंत्र का गला घोट देने पर उतारू है: फ़रीद महफूज़ किदवाई
रामनगर बाराबंकी :
लोकतंत्र में तानाशाही का कोई स्थान नहीं है, भारतीय जनता पार्टी की सरकार लोकतंत्र का गला घोट देने पर उतारू है। उक्त विचार विधानसभा रामनगर के लालपुर करौता चौराहे पर पूर्व मंत्री / विधायक रामनगर फ़रीद महफूज़ किदवाई द्वारा आयोजित सदस्यता अभियान के अंतर्गत सदस्यता शिविर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री राकेश कुमार वर्मा ने व्यक्त किए।
पूर्व मंत्री राकेश ने कहा कि सदस्यता कार्यक्रम को बाराबंकी जनपद में और गति देने की आवश्यकता है सपा की सदस्यता लेने वाले कार्यकर्ता समाजवादी पार्टी के विचारों व नीतियों से प्रभावित होता है. पूर्व मंत्री प्रभारी आर के चौधरी ने बाराबंकी जनपद में चल रहे सदस्यता अभियान में प्रकाश डालते हुए कहा कि जनपद में सभी क्षेत्रों में सपा से जुड़कर सदस्यता ले रहे हैं।
श्री आर के चौधरी ने उपस्थित कार्यकर्ताओं से कहा कि वह सरकार को उखाड़ फेंकने में सहयोग करें। महिला सभा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती जूही सिंह ने उपस्थित महिलाओं से समाजवादी पार्टी की सदस्यता लेकर संघर्ष का आवाहन करते हुए कहा कि भाजपा सरकार में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं महिलाओं पर अत्याचार दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं भाजपा का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा सर्वथा खोखला साबित हो रहा है।
कार्यक्रम आयोजक पूर्व मंत्री व क्षेत्रीय विधायक फरीद महफूज किदवई ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि क्षेत्र की जनता ने उन्हें जो सम्मान दिया है उसको बरकरार रखने की भरसक कोशिश करेंगे। सपा मुखिया अखिलेश यादव की नीतियों की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी ही देश व प्रदेश में खुशहाली ला सकती है। भारतीय जनता पार्टी की नीतियां पूंजीवादी हैं, बेरोजगारी, शिक्षा, महंगाई सभी मोर्चों पर सरकार विफल साबित हुई है।
सपा नेता अमित सिंह के संचालन में इस सदस्यता कार्यक्रम को संबोधित करने वालों में जैदपुर विधायक गौरव रावत, पूर्व विधायिका राजलक्ष्मी वर्मा,ब्लाक प्रमुख रेनू वर्मा, निवर्तमान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रेया वर्मा,निवर्तमान उपाध्यक्ष सरताज चौधरी, फैज़ान किदवाई,मो सबाह, पूर्व प्रमुख राजन सिंह,लल्लू सिंह,विधानसभा अध्यक्ष अतीक चौधरी, पारस चौहान, सदस्य जिला पंचायत विजय यादव, हाजी दरगा, पप्पू बनर्की, छोटू,वसीम खान, अखिलेश सिंह, मुरली वर्मा, रामबरन यादव, अनिल यादव, प्रधान अतुल वर्मा, निसार मेहंदी, सुहेल कटका, लल्लन वर्मा, खुशीराम गौतम आदि प्रमुख थे।