चुनाव में ज़मानत ज़ब्त करा चुके हैं राजस्थान के होने वाले नए मुख्यमंत्री
बीजेपी ने एक बार फिर चौंका दिया है। मंगलवार को भजनलाल शर्मा को राजस्थान का मुख्यमंत्री घोषित किया गया। विधायक दल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। खास बात यह है कि भजनलाल शर्मा पहली ही बार विधायक बने हैं। वह अब सीधे सीएम बनने जा रहे हैं। इससे पहले चुनाव में एक बार भजनलाल शर्मा की जमानत जब्त हो गई थी।
भजनलाल शर्मा ने 27 साल की उम्र में भरतपुर की नदबई तहसील के अटारी गांव से सरपंच का चुनाव जीता था। इससे पहले वह 2003 में सामाजिक न्याय मंच पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के सामने उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। वह भाजपा के बागी थे। उन्हें महज 5969 ही वोट मिले। ऐसे में उनकी जमानत तक जब्त हो गई थी।
जब उम्मीदवार को कुल वोटों का 1/6 वोट हासिल नहीं हो पाता, तो उसकी जमानत जब्त हो जाती है। सामान्य वर्ग के उम्मीदवार के लिए विधानसभा चुनाव में जमानत की राशि 10 हजार रुपये होती है। नदबई सीट से पूर्व राजपरिवार की कृष्णेंद्र कौर दीपा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत दर्ज की थी। वह राजा मानसिंह की बेटी हैं।
नदबई के गगवाना हाई स्कूल से 1986 में स्कूलिंग पूरी करने के बाद भजनलाल शर्मा ने 1989 में भरतपुर के महारानी श्री जया कॉलेज से बीए किया। इसके बाद 1993 में राजस्थान विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस से एमए करने के बाद उन्होंने बीजेपी में एंट्री ली।
वह सबसे पहले युवा मोर्चा में नदबई मंडल के अध्यक्ष बने। इसके बाद नदबई में ही एबीवीपी प्रमुख रहे। भरतपुर जिले के सह संयोजक पद की भूमिका निभाने के बाद उन्होंने कॉलेज इकाई में जिला सह प्रमुख और प्रमुख की भूमिका निभाई।
इसके बाद उनके कदम नहीं रुके। छात्र राजनीति से संघर्ष कर एक आम बीजेपी कार्यकर्ता के तौर पर उन्होंने हर जिम्मेदारी निभाई। उन्हें युवा मोर्चा भरतपुर का जिला मंत्री चुना गया। इसके बाद जिला उपाध्यक्ष और जिला महामंत्री के पद पर भी रहे। वह बीजेपी के तीन बार भरतपुर जिला अध्यक्ष रहे। वह चार बार प्रदेश महामंत्री और प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुके हैं। वह 2016 से अब तक भाजपा प्रदेश महामंत्री हैं।
संघ और संगठन में उनकी शानदार छवि के चलते बीजेपी ने उन्हें सीएम बनाया है। वह पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के करीबी माने जाते हैं। भजनलाल शर्मा 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के समय अमित शाह के साथ उनके सहयोगी के रूप में जा चुके हैं। माना जाता है कि अमित शाह और जेपी नड्डा ने ही उन्हें सांगानेर जैसी सीट से इस बार विधानसभा चुनाव में उतारा था। आरएसएस में वे संगठन मंत्री चंद्रशेखर के भी करीबी हैं। माना जा रहा है कि संघ और संगठन में शानदार छवि के चलते भजनलाल शर्मा को मौका दिया गया है।