इब्ने सेना ने दुनिया को दी थी क्वारेनटाईन थ्योरी
ज़ीनत शम्स
इस समय दुनिया भर में इंटरनेट पर दो शब्द सबसे ज़्यादा सर्च किये जा रहे हैं| Covid -19 और क्वारेनटाईन| लोग Covid-19 और क्वारेनटाईन के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं और इस सम्बन्ध में जानकारी इकठ्ठा कर रहे हैं| Covid-19 के बारे में तो लोगों ने इंटरनेट और अख़बारों के माध्यम से काफी जानकारी हासिल कर ली है पर हम यहाँ बात करेंगे क्वारेनटाईन की|
चीन के वुहान शहर से निकलकर जब इस बीमारी ने महामारी के रूप में पूरी दुनिया को अपनी चपेट लिया तो Covid-19 के साथ लोगों को क्वारेनटाईन शब्द सुनने को मिला| इस अप्रचलित शब्द को कोरोना वायरस की महामारी फैलने पर विश्व स्वस्थ्य संगठन ने प्रयोग किया और लोगों को सबसे पहले क्वारेनटाईन होने की सलाह दी| आप जानते हैं क्वारेनटाईन क्या होता है?| क्वारेनटाईन 40 दिन का वह समय होता है जब किसी संक्रमण के फैलने की आशंका से लोगों को पृथक कर दिया जाता है| आप इसे सामाजिक और शारीरिक दूरी भी कह सकते हैं क्योकि इसमें मनुष्य आपस में एक निश्चित दूरी बनाकर जीवन व्यतीत करते हैं|
क्वारेनटाईन के कारण हम संक्रमण से काफी हद तक सुरक्षित हो जाते हैं| क्वारेनटाईन के साथ ही संक्रमण से बचने के लिए सफाई का बहुत महत्त्व है| हम सफाई रखकर भी संक्रमण से अपने को सुरक्षित रख सकते हैं| क्वारेनटाईन का समय हममें स्वच्छता की आदत डालता है|
आप जानते हैं कि क्वारेनटाईन शब्द कहाँ से आया ? इस शब्द की कल्पना पर्शियन साइंटिस्ट “इब्ने सना” ने की थी जिनका जन्म 980 CE अर्थात 370 हिजरी में बुखारा में हुआ था जो अब उज़्बेकिस्तान में है| वह बचपन से बहुत ज़हीन थे और 18 वर्ष की उम्र में चिकित्सक बन गए| पश्चिम में यह “एविसेना” के नाम से प्रसिद्ध थे| ” इब्ने सना” पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने सबसे पहले संक्रमण से होने वाली बीमारी में क्वारेनटाईन की थ्योरी अपनाई| इब्ने सना ने ही ऐसी परिस्थितियों में लोगों को 40 दिन पृथकवास की सलाह दी थी|
इब्ने सना की मशहूर किताब ” The Canon Of Medicine” में लिखा है कि संक्रमण रोकने के लिए 40 दिन का क्वारेनटाईन बहुत ज़रूरी है| इब्ने सना ने ही germs या bacteria से होने वाली वाली बीमारियों के बारे में बताया कि कैसे इंसान में जॉइन्डिस और दूसरे बैक्टेरियल इन्फेक्शन होते हैं|
अरबी भाषा में इब्ने सना द्वारा लिखी किताब Qanun-fit-tibb का अनुवाद 12 वीं शताब्दी में लैटिन भाषा में हुआ जिसे 17 शताब्दी से मेडिकल के छात्र पढ़ रहे हैं| इब्ने सना को बहुत से विषयों का ज्ञान था | वह दर्शनशास्त्र, भौतिकशास्त्र, खगोलशास्त्र, रसायनशास्त्र, औषधिशास्त्र आदि पर गूढ़ ज्ञान था| इब्ने सना द्वारा लिखी गयी किताब The Body Of Healing एक साइंटिफिक और फिलॉसफिकल इनसाइक्लोपीडिया है|
इब्ने सना ने अपने समय में मेडिकल पर 100 से अधिक किताबें लिखी हैं | इब्ने सना prince of science के नाम से भी जाने जाते थे|