क़िब्ला-ए-अव्वल पर मुसलमानो का पहला हक़: मौलाना मिन्हाल ज़ैदी
अंतर्राष्ट्रीय क़ुद्स दिवस के मौक़े पर मदरसातुज़ ज़हरा में लेक्चर का आयोजन
लखनऊ:
अंतर्राष्ट्रीय क़ुद्स दिवस के मौक़े पर आज मदरसातुज़ ज़हरा, इमामबाड़ा गुफ़रानमआब में ‘मसला-ए-क़ुद्स और क़िब्ला-ए-अव्वल की पुनः वापसी’ के विषय पर लेक्चर का आयोजन हुआ। पहले लेक्चर में मौलाना सैय्यद मिन्हाल ज़ैदी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि क़िब्ला-ए-अव्वल पर मुसलमानो का पहला हक़ हैं, इसलिए क़िब्ला-ए-अव्वल की पुनः वापसी के लिए सभी मुसलमानों को औपनिवेशिक शक्तियों के खिलाफ एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा कि इज़राइल ने फिलीस्तीनियों की ज़मीन पर क़ब्ज़ा किया हुआ है। जिसकी आज़ादी के लिए संघर्ष करना हम सब का कर्तव्य है।
दूसरे लेक्चर में मौलाना ग़ुलाम रज़ा रिज़वी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि इज़राइल जिस तरह मस्जिदें अक़्सा में नमाज़ियों पर अत्याचार कर रहा है और मज़लूम फिलिस्तीनियों को मारता रहता है, इसकी विश्व स्तर पर निंदा होनी चाहिए। यह अफ़सोस की बात है कि संयुक्त राष्ट्र भी उपनिवेशवाद की चालों का शिकार है और फिलिस्तीनी मज़लूमो के समर्थन में इज़राइल की बर्बरता के ख़िलाफ़ कोई उचित कार्रवाई नहीं की जाती। अकेला ईरान है जो इस मसले को ज़िंदा रखे हुए हैं और मज़लूमों के समर्थन में हमेशा खड़ा रहता है।
इस कार्यक्रम में मदरसातुज़ ज़हरा की छात्राओं ने भाग लिया। इन्तेज़ाम की ज़िम्मेदारी मदरसे की प्रबंधक ख़्वाहर तस्नीम जाफ़री ने निभाई। तक़रीरों के दौरान मदरसे की छात्राओं ने इज़राइल मुर्दाबाद, अमरिका मुर्दाबाद के नारे लगाए, फिलिस्तीनी मज़लूमों के समर्थन में भी नारे लगाए गए। मजलिसे उलमा-ए-हिन्द ने इस कार्यक्रम के आयोजन में अपना सहयोग दिया।