बिहार में हलचल बा: नितीश ने जदयू विधायकों से कहा, पटना में करें कैम्प
टीम इंस्टेंटखबर
बिहार में मुख्यमंत्री नितीश कुमार के एक फरमान से पटना में अचानक सियासी हलचलें तेज़ हो गयी हैं. खबर है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जदयू के तमाम विधायकों को फिलहाल पटना में ही कैंप करने का फरमान जारी कर दिया है.
ऐसे में यह कयास लगाये जाने लगे हैं कि बिहार में क्या कोई बड़ा सियासी उलटफेर होने जा रहा है? नीतीश कुमार और उनकी पार्टी की गतिविधियों से तो ऐसा ही संकेत मिल रहा है. ज
दयू सूत्रों की मानें तो दल के सभी विधायकों को अगले 72 घंटे तक पटना से बाहर नहीं जाने का निर्देश दिया गया है. बिहार में अभी शादी ब्याह का समय चल रहा है. ऐसे में ज्यादातर विधायक अपने क्षेत्र में शादी ब्याह में शामिल होने के लिए गए होते हैं. लेकिन जदयू के तमाम विधायकों को क्षेत्र छोड़कर पटना आने को कहा गया फिर पटना में ही जमे रहने को कहा गया है.
जदयू के कई विधायकों इशारों ही इशारों में इस बात की पुष्टि की है. सूत्रों की मानें तो विधायकों को इस बात की ताकीद की गई है यह बात मीडिया में नहीं आनी चाहिये.
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 25 मई को जदयू के विधायकों की बैठक करने जा रहे हैं. इसमें पार्टी की आगे की रणनीति तय की जा सकती है. संभव है कि नीतीश कुमार कोई नया करिश्मा कर दिखाएं अथवा विधायकों को हर हाल में एकजूट रहने की हिदायत दी जा सकती है.
सियासत के जानकार नीतीश कुमार के इस कदम को भी राजनीतिक उलटफेर का संकेत बता रहे हैं. कारण कि भाजपा ने पहले ही साफ कर रखा है कि वह जातीय जनगणना के पक्ष में नहीं है. केंद्र की भाजपा सरकार जाति के आधार पर जनगणना को संविधान के खिलाफ होने की बात कहकर जातीय जनगणना की माग तो ठुकरा चुकी है. उसके बाद बिहार भाजपा के कई नेता ये बयान दे चुके हैं कि जाति के आधार पर जनगणना कराना असंवैधानिक है.
बावजूद इसके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में जाति के आधार पर जनगणना कराने के लिए काम शुरू कर दिया है. नीतीश कुमार ने आज मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वे पहले सर्वदलीय बैठक करेंगे और फिर कैबिनेट से फैसला करा कर बिहार में हर जाति के लोगों की गिनती शुरू करायेंगे.
सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार जातिगत जनगणना को पलटी मारने का आधार बना सकते हैं. वह भाजपा पर जातीय जनगणना का विरोध करने का आरोप लगाते हुए राजद के साथ नया गठजोड़ बना सकते हैं.
जानकारों का कहना है कि 2017 में भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर राजद से संबंध तोड़ने वाले नीतीश कुमार ने लालू के ठिकानों पर सीबीआई छापे पर अलग ही तेवर दिखाया है. उन्होंने कहा कि वे सीबीआई की छापेमारी के बारे में कुछ नहीं जानते. जिसने छापेमारी किया है वही बतायेगा कि मामला क्या है. चर्चा है कि नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के पटना लौटने का इंतजार कर रहे हैं.
तेजस्वी अभी लंदन में हैं और पटना पहुंचने की उम्मीद है. नीतीश कुमार कोई नया सियासी दांव चल सकते हैं. इफ्तार पार्टी से बहाने नीतीश दो दफे तेजस्वी से मिल चुके हैं. जबकि जातीय जनगणना के बहाने तेजस्वी ने नीतीश कुमार के घर जाकर उनके साथ बंद कमरे में गुफ्तगू कर चुके हैं. ऐसे में बिहार में एकबार फिर से कयासों का दौर शुरू हो चुका है. लोग पलटू चाचा, राजद की भाषा में चर्चा करने लगे हैं.