किस कानून के तहत आरोग्य सेतु ऐप को अनिवार्य किया गया, जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा का सवाल
नई दिल्ली: कोरोना वायरस मरीजों का ट्रैक करने वाले आरोग्य सेतु ऐप पर अब सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बीएन श्रीकृष्णा ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार का आरोग्य ऐप को अनिवार्य करना ‘पूरी तरह से गैर-कानूनी’ है। उन्होंने पूछा कि किस कानून के तहत इसे अनिवार्य किया गया है, अभी तक इसके लिए कोई कानून नहीं है।
द इंडियन एक्सप्रेस से एक बातचीत में उन्होंने यह सवाल उठाए हैं। जस्टिस श्रीकृष्णा डाटा प्रोटेक्शन बिल का पहला ड्राफ्ट बनाने वाली कमेटी के प्रमुख थे। उनका बयान ऐसे समय में आया है जब केंद्र ने सभी कर्मचारियों के लिए यह ऐप अनिवार्य कर दिया है।
गृह मंत्रालय ने एक मई को लॉकडाउन की गाइडलाइंस जारी करते हुए सभी सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों के लिए आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य कर दिया था।
जस्टिस श्रीकृष्णा ने कहा कि नोएडा पुलिस का आदेश पूरी तरह अवैध है। भारत लोकतांत्रिक देश है और ऐसे आदेशों को अदालतों में चुनौती दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि़ आरोग्य सेतु के उपयोग को अनिवार्य बनाने के लिए गृह मंत्रालय दिशानिर्देशों को पर्याप्त कानूनी समर्थन नहीं माना जा सकता है।