फ़रवरी तक भारत के 50 फीसदी लोगों को हो चूका होगा कोरोना संक्रमण
भारत की कम से कम 50 फीसदी आबादी अगले साल फरवरी तक कोरोना संक्रमित हो चुकी होगी. संख्या के लिहाज से देखें तो यह 65 करोड़ के आस पास है. रॉयटर्स के मुताबिक कोरोना वायरस से जुड़े अनुमानों की जानकारी देने के लिए बनाए गवर्नमेंट पैनल के एक सदस्य ने यह रिपोर्ट दी है. हालांकि गवर्नमेंट पैनल के सदस्य का कहना है कि इससे बीमारी के फैलने की गति को कम करने में मदद मिलेगी. बता दें कि भारत में पीक के बाद से कोरोना वायरस के संक्रमण की गति कुछ कम हुई है.
भारत में अबतक कोरोना वायरस के करीब 76 लाख मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से पिछले 24 घंटे में 46,498 मामले सामने आए हैं. अबतक कुल 115,236 लोगों की डेथ हुई है. जिसमें से 24 घंटे में इस वायरस के चलते 594 लोगों की जान गई है. 6,730,617 लोग अबतक रिकवर्ड हो चुके हैं और देश में अभी एक्टिव केस की संख्या 748,883 है. सबसे ज्यसदा मामलों के मामले में भारत अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है.
रायटर्स टैली के अनुसार, सितंबर के मध्य में पीक के बाद भारत में कोविड-19 संक्रमण कम हो रहा है, हर दिन औसतन 61,390 नए मामले सामने आ रहे हैं. कानपुर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के प्रोफेसर और समिति के सदस्य मनिंद्र अग्रवाल ने रॉयटर्स से कहा कि हमारे गणितीय मॉडल का अनुमान है कि वर्तमान में लगभग 30 फीसदी आबादी संक्रमित है और फरवरी तक यह 50 फीसदी तक जा सकती है.
वायरस के मौजूदा प्रसार के लिए समिति का अनुमान केंद्र सरकार के सीरोलॉजिकल सर्वेक्षणों की तुलना में बहुत अधिक है. सीरो सर्वे के मुताबिक सितंबर तक सिर्फ 14 फीसदी आबादी संक्रमित थी. लेकिन अग्रवाल ने कहा कि सीरोलॉजिकल सर्वेक्षणों का नमूना सही नहीं हो सकता है, क्योंकि वे जिस आबादी का सर्वे कर रहे थे, उसकी साइज की वजह से सैंपल सही नहीं हो सकते.
इसके बजाय, वायरोलॉजिस्ट, वैज्ञानिकों और अन्य विशेषज्ञों की समिति ने गणितीय मॉडल पर भरोसा किया है, जिनकी रिपोर्ट हाल ही में सार्वजनिक की गई थी. अग्रवाल ने कहा कि हमने एक नया मॉडल विकसित किया है जो स्पष्ट रूप से बिना रिपार्ट किए गए मामलों को ध्यान में रखता है. इसलिए हम संक्रमित लोगों को दो श्रेणियों में विभाजित कर सकते हैं.- रिपोर्ट किए गए मामले और वो मामले जो रिपोर्ट नहीं किए गए.
गवर्नमेंट पैनल ने कहा है कि अभी भी लोगों को पूरी तरह से सावधानी बरतने की जरूरत है. अगर प्रीकॉसन नहीं लिए गए मसलन मास्क पहनना या सोयाल डिस्टेंसिंग का पालन करना तो एक महीने में ही संक्रमण के कुल मामले 26 लाख तक पहुंच सकते हैं. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि दुर्गा पूजा और दिवाली जैसे त्योहारों वाले महीने अक्टूबर और नवंबर में संक्रमण बढ़ सकता है. क्योंकि ये महीने छुट्टियों के होते हैं और लोग त्यौहार सेलिब्रेट करते हैं.