“बड़ौदा किसान पखवाड़े” में BoB ने किया “वर्चुअल मेगा किसान मेले” का आयोजन
लखनऊ: “विश्व खाद्य दिवस” (16 अक्टूबर) के अवसर पर बैंक ऑफ बड़ौदा 01से 16 अक्टूबर तक “बड़ौदा किसान पखवाड़े” के रूप में मना रहा है । इसी क्रम में आज बैंक ऑफ बड़ौदा लखनऊ अंचल की समस्त 607 ग्रामीण एवं अर्धशहरी शाखाओं द्वारा “वर्चुअल मेगा किसान मेले” का आयोजन किया गया । यह कार्यक्रम बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजीव चड्ढा की अध्यक्षता में तथा कार्यपालक निदेशक विक्रमादित्य सिंह खीची एवं मुख्य महाप्रबन्धक, ग्रामीण एवं कृषि बैंकिंग, रोहित आई पटेल, की उपस्थिति में आयोजित किया गया ।
बैंक ऑफ बड़ौदा के महाप्रबन्धक एवं अंचल प्रमुख ब्रजेश कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए अवगत कराया कि वर्तमान में कोविड -19 विश्वव्यापी महामारी के समय में समस्त कार्यक्रम वर्चुअल माध्यम से आयोजित किए जा रहे है जिसमें हमारे अंचल के समस्त 14 क्षेत्रों ने मेगा किसान मेले का आयोजन किया तथा इस अवसर पर हमारे अंचल की समस्त ग्रामीण एवं अर्धशहरी शाखाओं द्वारा 8948 किसानों को रू. 151 करोड़ के विभिन्न कृषि ऋण प्रदान किए गए।
श्री सिंह ने बताया कि पखवाड़े के दौरान अभी तक हमारी समस्त ग्रामीण एवं अर्धशहरी शाखाओं द्वारा अलग अलग स्थानों पर कुल 2342 कृषक चौपालों, 42 पशु / मृदा स्वास्थ जाँच शिविर, 52 मेगा कैंप तथा 358 अन्य ग्राहक संपर्क कार्यक्रम एवं वेबिनार आदि का आयोजन किया जा चुका है । जिसके माध्यम से हम लगभग एक लाख दस हजार कृषकों से वर्चुअली संपर्क कर अपनी विभिन्न बैंकिंग योजनाओं तथा नई उन्नत कृषि ऋण तकनीकी से अवगत कराने में सफल हो पाये हैं ।
श्री सिंह ने बताया कि किसान भाई हमारी बैंक के डिजिटल एप “बड़ौदा किसान” के माध्यम से अपनी कृषि संबंधी समस्त सामान्य आवश्यकताओं जैसे मौसम सम्बन्धी पूर्वानुमान, मण्डी भाव, उन्नत कृषि तकनीक आदि जैसी अनेकों जानकारियाँ प्राप्त कर सकते है ।
किसान पखवाड़े के दौरान बैंक ऑफ बड़ौदा इन कार्यक्रमों के माध्यम से अपने सभी हितधारको के प्रति अपनी क्रतज्ञता ज्ञपित कर रहा है तथा अपने प्रयासों की जानकारी से जनमानस को अवगत करारहा है तथा ग्राहकों की अपेक्षाओं को जानने का प्रयास भी कर रहा है ताकि 113 वर्ष पुराना यह बैंक अपने ग्राहकों की आवश्यकताओं के अनुरूप अपने उत्पादों को ढ़ाल सके व जनमानस के और नजदीक आ सके। साथ ही बैंक की यह अभिनव पहल कृषकों की आय को 2022 तक दुगुना करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा जो भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता है।