संसद से सड़क तक विपक्ष ने सरकार को घेरा
नई दिल्ली: नोटबंदी के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ, जिसके चलते लोकसभा की कार्यवाही को दिनभर के लिए और राज्यसभा में तो कार्यवाही को बार- बार स्थगित भी करना पड़ा. कांग्रेस के सांसद गुलाम नबा आजाद ने कहा कि जब तक बहस के लिए पीएम सदन में नहीं आते, हम कार्यवाही नहीं चलने देंगे.
दरअसल, विपक्षी दलों के सांसदों ने आज 'आर्थिक अराजकता' पर पीएम मोदी के जवाब की मांग को लेकर हंगामा किया. वहीं लोकसभा में विपक्ष ने नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा की मांग की. जिस पर अनंत कुमार ने कहा कि सरकार चर्चा और हर सवाल का जवाब देने को तैयार है. कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने नोटबंदी पर आज स्थगन प्रस्ताव दिया. विपक्ष सरकार के फ़ैसले के चलते आम लोगों, ख़ासकर किसानों, मज़दूरों और छोटे व्यापारियों को हो रही परेशानियों की ओर सरकार का ध्यान खींचना चाहते हैं.
केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि हम किसी भी विषय पर चर्चा के लिए तैयार हैं. हम चाहते है कि कांग्रेस यह साफ करे कि वह सरकार के निर्णय के साथ है या नहीं.
इससे पहले बुधवार को राज्यसभा में नोटबंदी पर चर्चा हुई, जिसमें विपक्ष ने सरकार पर ज़ोरदार हमला बोला. यह हंगामा गुरुवार को भी जारी रहा. सड़क से संसद तक हमलावर विपक्ष ने सरकार पर बिना तैयारी के देश की जनता को परेशान कर इमरजेंसी जैसे हालात पैदा करने के आरोप लगाए हालांकि सरकार अपने बचाव में यही कहती रही कि देश की जनता इस फैसले में उसके साथ है.
राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा ने सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हम कालाधन और आतंकवाद के खिलाफ हैं. सरकार ने नोटबंदी का निर्णय गलत समय लिया. इससे किसानों को और आम आदमी को बहुत दिक्कत हो रही है. यह फैसला बिना किसी तैयारी के लिया गया. किसान धोती में क्रेडिट कार्ड नहीं रखता.सरकार देश में आर्थिक अराजकता फैला रही है. पैसा निकालने पर पाबंदी का हक आपको किसने दिया. हमारा पैसा रोकने का हक आपको किसने दिया? इस पर बीजेपी से सांसद पीयूष गोयल ने कहा कि पूरा देश पीएम के फैसले का स्वागत कर रहा है. आनंद शर्मा का अर्थशास्त्र कमजोर है. पहली बार ईमानदारी को सम्मान और बेईमान को नुकसान हुआ है.
भारी हंगामे के बीच बार बार राज्यसभा की कार्यवाही बाधित होती रही और आखिरकार इसे शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया.