एक और रेटिंग ने जताया भारतीय अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट का अनुमान
रेटिंग एजेंसी S&P ने कहा कि जब तक कि वायरस का प्रसार का रुकता नहीं है, उपभोक्ता खर्च करने में सतर्कता बरतेंगे तथा कंपनियां दबाव में रहेंगी.
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी (S&P) का आकलन है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9 फीसदी की गिरावट आ सकती है. रेटिंग एजेंसी ने सोमवार को 2020-21 के लिए भारत की आर्थिक विकास दर के अनुमान को घटाकर (-)9 फीसदी कर दिया. पहले उसने भारतीय अर्थव्यवस्था में 5 फीसदी गिरावट का अनुमान लगाया था. एसएडंपी का कहना है कि कोरोना महामारी ने आर्थिक गतिविधियों को बुरी तरह प्रभावित किया है. इसका असर आर्थिक विकास दर पर देखा जा सकता है.
एसएंडपी ने कहा, ‘‘कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से भारत में निजी खर्च और निवेश लंबे समय तक निचले स्तर पर रहेगा. एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स का अनुमान है कि 31 मार्च, 2021 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 9 फीसदी की गिरावट आएगी.’’ इससे पहले एसएंडपी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में 5 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया गया था. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली अप्रैल-जून की तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट उम्मीद से कहीं अधिक रही है.
एसएंडपी ने कहा, ‘‘जून में भारत ने लॉकडाउन में ढील दी. हमारा मानना है कि इस महामारी की वजह से देश में आर्थिक गतिविधियां अभी बाधित रहेंगी. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूटीओ) के आंकड़ों के अनुसार 11 सितंबर को समाप्त सप्ताह में भारत में प्रतिदिन औसतन 90,000 संक्रमण के नए मामले आए.’’ अगस्त में यह औसत 70,000 प्रतिदिन का था. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि जब तक कि वायरस का प्रसार का रुकता नहीं है, उपभोक्ता बाहर निकलकर खर्च करने में सतर्कता बरतेंगे तथा कंपनियां दबाव में रहेंगी.
इससे पहले, अन्य दूसरी रेटिंग एजेंसियों ने भी चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में निगेटिव ग्रोथ का अनुमान जताया है. मूडीज और फिच ने भी भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटाया था. मूडीज ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.5 फीसदी और फिच ने 10.5 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया है. हालांकि, गोल्डमैन सैश का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 14.8 फीसदी की गिरावट आएगी. घरेलू एजेंसियों क्रिसिल और इंडिया रेटिंग्स ने इस वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में क्रमशः 9 फीसदी और 11.8 फीसदी की गिरावट का अनुमान जताया है.