बहानों की आड़ में कोविड का सच छुपाने की कोशिश
एक्टिव कोविड केस के मामले में भी दूसरे नंबर पर पहुंचा भारत
तौक़ीर सिद्दीक़ी
दुनिया भर में कोरोना महामारी का प्रकोप जारी है| चीन के शहर वुहान से निकली इस महामारी से अगर महाशक्तिमान अमेरिका सबसे ज़्यादा प्रभावित है तो भारत में भी इस महामारी की विकरालता भयानक तेज़ी से बढ़ती जा रही है| प्रतिदिन ही नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं बल्कि कई मामलों में तो भारत ने अमरीका को भी पीछे छोड़ दिया है| कल भारत में 77 हज़ार से ज़्यादा कोरोना के मामले मिले| पूरी दुनिया में एक दिन में इतने ज़्यादा कोरोना संक्रमण मामले मिलने का यह नया विश्व रिकॉर्ड है| अगर कोरोना के आंकड़े दिखाने वाली जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट को माने तो भारत में 26 अगस्त को ही 85 हज़ार से ज़्यादा कोरोना के मामले दर्ज हो चुके थे|
जहाँ तक कोरोना संक्रमण की बात है तो इस मामले में अमेरिका नंबर एक पर है, ब्राज़ील नंबर दो पर है और भारत नंबर तीन पर है| अंतर बस इतना है कि अमरीका और ब्राज़ील में धीरे धीरे कोरोना पर लगाम लग रही है और कोरोना के नए मामलों में तुलनात्मक रूप से काफी कमी आई है जबकि भारत में कोरोना संक्रमण अपने चरम की ओर बढ़ रहा है| पिछले कई दिनों से 70 हज़ार से ज़्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं| मौतों की संख्या में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा और रोज़ाना एक हज़ार से ज़्यादा मौतें होना आम बात होती जा रही है|
सरकार अब कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या या बढ़ती हुई मौतों की की संख्या बात नहीं करती बल्कि सरकार और मीडिया का सारा ज़ोर लोगों को यह बताने में लग रहा है कि देश में कोरोना के मरीज़ों के ठीक होने की संख्या संक्रमित होने वालों की संख्या से तीन गुना ज़्यादा है| मगर जब हम पूरी दुनिया के कोरोना संक्रमण के आंकड़े देने वाली वेबसाइटों पर जाते हैं तो कहानी कुछ और ही निकलती है|
जैसा कि मैंने ऊपर लिखा है कि अगर हम जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी, जिसके आंकड़ों का हवाला विश्व स्वास्थ्य संगठन भी देता है की माने तो कोरोना की विकरालता इस समय सबसे ज़्यादा भारत में है| वहीँ जब हम एक और वेबसाइट worldometers.info में झांकते हैं तो पता चलता है कि एक्टिव कोविड केस के मामले में भारत अब अमेरिका के बाद पूरे विश्व में नंबर दो पर पहुंच चूका है बल्कि गंभीर केसों के मामले में भी अमरीका के बाद दूसरे नंबर है| इस मामले में भारत ने ब्राज़ील को पीछे छोड़ा है|
आज भी केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने आंकड़े जारी कर सरकार की पीठ थपथपाई कि देशभर में अब तक 26 लाख लोग ठीक हो चुके हैं और पिछले 24 घंटे में 60177 लोग ठीक हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, “भारत की कोविड-19 से अब तक 26 लाख के करीब लोग ठीक हो चुके हैं, जिसमें से पिछले 24 घंटे में 60177 लोग रिकवर हुए हैं और रिकवरी दर 76.28 प्रतिशत तक पहुंच गई है। सक्रिय मामले कुल कोविड-19 मामलों के केवल 21.90 प्रतिशत हैं और ठीक हुए लोगों की संख्या सक्रिय मामलों से लगभग 3.5 गुना ज्यादा है।
सवाल यह कि सरकार कब तक सच्चाई को समझेगी, कब तक बचने के बहाने तलाशेगी| बात तो अब यहाँ तक पहुँच गयी है अमरीका जो स्वयं इस महामारी का सबसे बड़ा शिकार है, अपने नागरिको को एडवाइज़री जारी कर रहा है कि भारत का दौरा न करें क्योंकि कोरोना संक्रमण वहां चरम पर है| एक ऐसा देश जो अपने को भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुत बड़ा दोस्त कहता है जब ऐसी एडवाइज़री जारी कर रहा है तो बाकी देश क्या सोच रहे होंगे कि यह वही देश है जो विश्व गुरु बनने का दम भर रहा है अन्य देशों की तुलना में कोरोना से लड़ाई में कितना पीछे है| कोरोना को हराने के लिए सरकार को दावों के दलदल से निकलना होगा और सच्चाई के साथ इस महामारी से लड़ना होगा वरना आप बहाने तलाशते रहेंगे और लोग संक्रमित होकर मरते रहेंगे|