अमरीकी सीनेटर रशीदा ने यूएई और इस्राइली शासन के बीच हुए समझौते पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है इससे मुसलमानों को धोखा नहीं दिया जा सकता। उन्होंने ट्वीट किया है कि यह समझौता, फ़िलिस्तीनियों की तकलीफ़ों को कम नहीं कर सकता बल्कि इससे उनमें वृद्धि होगी।

उधर फ़िलिस्तीनियों ने एकजट होकर इस समझौते को ख़ारिज कर दिया है। फ़िलिस्तीनी प्रशासन के प्रमुख महमूद अब्बास के वरिष्ठ सलाहकार नबील अबू रुदैनाह ने कहा है कि यह समझौता, फ़िलिस्तीनी कॉज़ के साथ विश्वासघात है। फ़िलिस्तीनियों ने एकमत से इस समझौते को नकार दिया है। हमास के प्रवक्ता ने इस समझौते को ख़तरनाक बताया है। तुर्की ने भी इसे विश्वास घात बताते हुए कहा है कि यूएई ने अपने हितों की लालच में ज़ायोनी शासन के साथ कूटनीतिक रिश्ते क़ायम करके फ़िलिस्तीनियों के साथ विश्वासघात किया है।

उल्लेखनीय है कि अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने कल ट्वीट करके बताया था कि संयुक्त अरब इमारात और इस्राईल कूटनैतिक संबंध स्थापित करने पर सहमत हो गए हैं। ट्रम्प ने इस सहमति की घोषणा करते समय इसे ऐतिहासिक बताया।