किरण बेदी की रैलियों से भीड़ नदारद, भाजपा परेशान
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 जनवरी से दिल्ली के चुनावी दंगल में कूदने जा रहे हैं। मोदी की दिल्ली में चार चुनावी सभाएं होंगी। पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी के अलावा करीब दर्जन भर मंत्री, सत्तर सांसदों और कई केंद्रीय पदाधिकारियों को मैदान में उतारने का फैसला किया है।
दिल्ली की चुनावी तैयारियों के सिलसिले में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने आज पार्टी मुख्यालय पर बैठक की। इसमें कई केंद्रीय मंत्री, केंद्रीय नेता और दिल्ली प्रदेश के नेता शामिल हुए।
पार्टी ने दर्जन भर से अधिक केंद्रीय मंत्रियों को दिल्ली चुनाव की जिम्मेदारी दी है। दरअसल, किरण बेदी की जनसभाओं में भीड़ नहीं जुट पा रही है। गीता कालोनी में हुई उनकी सभा में कुछ सौ लोग ही पहुंचे। केंद्रीय नेतृत्व को लग रहा है कि प्रदेश इकाई चुनाव का प्रबंधन ठीक से नहीं कर पा रही है। इसलिए उसने अब ये काम अपने हाथ में ले लिया है।
पार्टी ने मोदी की दिल्ली में चार रैलियां कराने का फैसला किया है। उनकी पहली रैली 31 जनवरी को पूर्वी दिल्ली के विश्वास नगर में होगी। यहां से ओमप्रकाश शर्मा बीजेपी के उम्मीदवार हैं जो केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के करीबी हैं। अगले दिन यानी एक फरवरी को मोदी द्वारका में रैली करेंगे। पांच तारीख को चुनाव प्रचार खत्म होने से ठीक पहले मोदी की दो और रैलियां होंगी। तीन फरवरी को रोहिणी और चार फरवरी को अंबेडकर नगर में रैली कर मोदी बीजेपी को वोट देने की अपील करेंगे।
पार्टी नेतृत्व ने केंद्रीय मंत्रियों जे पी नड्डा, थावरचंद गहलोत, चौधरी वीरेंद्र सिंह, राधा मोहन सिंह, अनंत कुमार, मुख्तार अब्बास नकवी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल, राव इंद्रजीत सिंह, संतोष गंगवार, संजीव बालियान, कृष्ण पाल गूजर और रमाशंकर कठेरिया को दिल्ली में अलग-अलग चुनाव क्षेत्रों पर नजर रखने को कहा है।
इसके अलावा कुछ राज्यों के मंत्रियों को भी दिल्ली बुलाया गया है। मध्य प्रदेश से कैलाश विजयवर्गीय, नरोत्तम मिश्र और राजेंद्र शुक्ल को भी दिल्ली चुनाव में जिम्मेदारी दी गई है। केंद्रीय पदाधिकारियों में प्रभात झा के साथ महासचिव भूपेंद्र यादव, सचिव अनिल जैन और प्रवक्ता शाहनवाज़ हुसैन भी दिल्ली का काम देखेंगे।
बीजेपी में काम कर रहे आरएसएस के नेताओं सुनील बंसल, बीडी शर्मा और विजय शर्मा दिल्ली चुनावों में महत्वपूर्ण काम करेंगे। दिल्ली प्रदेश के नेता सतीश उपाध्याय और आशीष सूद को भी जिम्मेदारी दी गई है।