किसी भी लीवर रोग से पीड़ित मरीज़ को कोरोना संक्रमित होने पर हेल्थ कॉम्प्लीकेशंस का खतरा: डॉ प्रवीण झा
कोरोना संक्रमित हेपेटाइटिस मरीज़ जारी रखें अपना ट्रीटमेंट, रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल की सलाह
लखनऊ: ऐसे हालात में जब प्रदेश में कोरोनोवायरस के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं, रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल (Regency Superspeciality Hospital), लखनऊ के डॉक्टरों ने पीड़ित मरीजों से हेपेटाइटिस या सिरोसिस सहित अन्य किसी भी एडवांस लीवर रोग के ट्रीटमेंट को जारी रखने का आग्रह किया। अगर ऐसे मरीज कोविड 19 से इन्फेक्ट हो जाते हैं तो उन्हें गंभीर स्वास्थ्य कॉम्प्लीकेशंस का ज्यादा खतरा हो सकता है। एक हेल्थी लाइफस्टाइल को बनाए रखना लीवर की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
किसी भी हालत में बंद न करें ट्रीटमेंट
आज एक वर्चुअल कांफ्रेंस (veirtual press conference) द्वारा पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ के गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजी, डी एम, डॉ प्रवीण झा (Dr. Praveen Jha) ने कहा, “हेपेटाइटिस बी या सी से पीड़ित मरीज वर्तमान में ट्रीटमेंट करवा रहे हैं, उन्हें तब तक ट्रीटमेंट नहीं बंद नहीं करना चाहिए। जब तक उनका ट्रीटमेंट करने वाले डॉक्टर उन्हें कुछ सलाह न दें। ऐसे मरीजों में कोविड 19 से इन्फेक्ट होने से ज्यादा जोखिम रहता है। कोविड 19 डिरेन्ज्ड लीवर एंजाइम और यहाँ तक कि हेपेटाइटिस के रूप में हो सकता है।
वीडियो कन्सल्टेशन्स की सलाह
उन्होंने कहा , अगर कोई हॉस्पिटल जाने से डर रहा है या वह बाहर रहता है, तो वह टेली या वीडियो कन्सल्टेशन्स की मदद ले सकता हैं ताकि वे डॉक्टरों के संपर्क में रह सकें। हाथ की स्वच्छता, सोशल डिस्टेंसिंग इस महामारी से बचने का आधार हैं। इस बीमारी से संक्रमित अधिकांश लोगों को यह भी पता नहीं है कि वे संक्रमित हैं। आईसीएमआर द्वारा लगाए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत में लगभग 4 करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) से पीड़ित हैं और लगभग 1.2 करोड़ लोगों को हेपेटाइटिस सी है। इस बीमारी से हर साल 1.5 लाख लोग मरते हैं। सबको हेल्थी लाइफस्टाइल बनाए रखनी चाहिए, हेल्थी भोजन करना चाहिए, रोज एक्सरसाइज करनी चाहिए और बाहरी लोगों के साथ अनावश्यक एक्सपोजर से बचना चाहिए।“
हेल्थ सर्विसेस या फार्मेसी में कम से कम जाने की सलाह
अगर आप वर्तमान में हेपेटाइटिस बी या सीए या अन्य क्रोनिक कंडीशन के लिए ट्रीटमेंट करा रहे हैं, तो सुनिश्चित करें आप हेल्थ सर्विसेस या फार्मेसी में कम से कम जाएँ और आपके पास पर्याप्त दवाईयाँ हों। वैक्सीनेशन के बारे में अपने हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर से बात करें। क्रोनिक लीवर से पीड़ित लोग हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, इन्फ्लूएंजा (फ्लू) और न्यूमोकोकल के खिलाफ वैक्सीनेशन प्राप्त करते है। धूम्रपान करने से बचें क्योंकि यह आपके श्वसन तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
बीमारी से लड़ने में भ्रांतिया सबसे बड़ी चुनौती
वहीँ रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ के एम सीएच, जी आई सर्जरी, डॉ प्रदीप जोशी (Dr, Pradeep Joshi) ने कहा, “हेपेटाइटिस से लड़ना मुश्किल है क्योंकि हेपेटाइटिस बी और सी दोनों जीर्ण संक्रमण हैं जो अक्सर जिगर को नुकसान पहुंचाने से पहले सालों तक शरीर में निष्क्रिय रहते हैं। इस घातक बीमारी से लड़ने में दूसरी बड़ी चुनौती इससे जुड़ी भ्रांतियां और कलंक हैं। कोविड 19 महामारी के दौरान आपके हेल्थ को मॉनिटर करना महत्वपूर्ण रहेगा। अगर आपके पास अपने डॉक्टर के साथ अपॉइंटमेंट हैं , अगर आपने पिछले 6 महीने में अपने लीवर हेल्थ को न चेक कराया हो तो यह अपने डॉक्टर से लीवर हेल्थ के बारें में पूछना अच्छा होता है । लीवर डैमेज उन लोगों में आम होता है जिन्हें गंभीर कोविड 19 बीमारी होती है। हालांकि यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि लिवर एंजाइम के लेवल में बढ़ोत्तरी हुई है वह सीधे उस वायरस से संबंधित है जो कोविड19 (SARS-CoV-2) लीवर में या लीवर के डैमेज होने का कारण अन्य फैक्टर्स से नुकसान का रिजल्ट होता है। मौजूदा क्रोनिक कंडीशन के साथ रहने वाले लोग अगर कोविड 19 से इन्फेक्ट होते हैं तो उन्हें कई गंभीर हेल्थ कॉम्प्लीकेशंस हो सकते हैं।“
हेल्थी लाइफस्टाइल एडॉप्ट करने’ का संकल्प
डिस्कशन और सवाल – जवाब सेशन के बाद डॉक्टरों द्वारा ‘अपने लीवर की रक्षा और हेल्थी लाइफस्टाइल को एडॉप्ट करने’ के लिए एक संकल्प लिया गया।
रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल ((Regency Superspeciality Hospital)) के डॉक्टरों ने घोषणा भी की कि वे हेपेटाइटिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हेपेटाइटिस सप्ताह का आयोजन 28 जुलाई 2020 से 1 अगस्त 2020 तक किया जाएगा और लोगों की फ्री हेपेटाइटिस जांच करने की सर्विस प्रोवाइड करवाएंगे । लोग ओपीडी के दौरान हॉस्पिटल जा सकते हैं और जांच करवा सकते हैं।