मिटटी में समा गया सूरमा भोपाली
मुम्बई: पचास के दशक में एक बाल कलाकार के तौर पर अभिनय की दुनिया में कदम रखनेवाले जाने-माने अभिनेता और एक मशहूर कॉमेडियन के तौर पर अपनी एक अलग छाप छोड़नेवाले वाले मशहूर अदाकार जगदीप को आज मुम्बई में दोपहर 2.30 बजे दक्षिण मुम्बई के मझगांव इलाके के क्रबिस्तान में सुपर्द-ए-खाक कर दिया गया. अंतिम विदाई के मौके पर दिवंगत जगदीप के दोनों बेटे जावेद जाफरी और नावेद जाफरी और उनके परिवार के करीबी सदस्य उपस्थित थे.
उल्लेखनीय है कि तमाम रीति-रिवाजों के बाद जगदीप का अंतिम संस्कार सुबह 11.00 बजे किया जाना था, लेकिन उनके पोते और जावेद जाफरी के बेटे मीजान के गुजरात से मुम्बई में पहुंचने में देरी के चलते उन्हें सुपर्द-ए-खाक करने में देरी हुई. मीजान एक चार्टर्ड फ्लाइट से 12.30 मुम्बई और फिर तकरीबन 1.30 बजे कब्रिस्तान पहुंचे और फिर उनके आने के बाद जगदीप को सुपर्द-ए-खाक की अंतिम प्रक्रिया शुरू हुई.
उल्लेखनीय है कि जगदीप के अंतिम विदाई के मौके पर उन्हें अपना गुरू मानने वाले और उनके साथ अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करनेवाले जॉनी लीवर ने कब्रिस्तान पहुंचकर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी.
जगदीप के नाम से मशहूर सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी का निधन उनके मुम्बई के यारी रोड स्थित घर में बुधवार की रात 8.40 बजे हुआ था. वे लम्बे समय से कैंसर व उम्र संबंधी बीमारी से ग्रस्त थे और वे 81 साल के थे.
सुपुर्द-ए-खाक के बाद जगदीप के दोनों बेटे जावेद जाफरी व नावेद जाफरी और उनके पोते मीजान मीडिया से रूबरू हुए. इस मौके पर जावेद जाफरी ने मीडिया से कहा, “पिताजी के निधन के मौत तमाम लोगों के फोन और मैसेज आये… हमारे पिता ने 70 साल इस इंडस्ट्री को दिये और उन्हें सभी का बहुत प्यार मिला, जो आप लोगों के जरिए इस तरह से जाहिर हो रहा है. आप सभी मेरे पिता के लिए एक छोटी सी दुआ कर दीजिए. आप सभी का बहुत शुक्रिया.”