व्यापार सुगमता मामले में गुजरात पिछड़ा
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना संयुक्त रूप से पहले पायदान पर
नई दिल्ली: विश्वबैंक और डीआईपीपी की व्यापार सुगमता सूची में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना संयुक्त रूप से पहले पायदान पर हैं, जबकि गुजरात फिसलकर तीसरे स्थान पर आ गया.
औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के 340 बिंदु वाले व्यापार सुधार कार्य योजना के क्रियान्वयन के आधार पर तैयार सूचकांक में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और हरियाणा क्रमश: चौथे, पाचवें और छठे स्थान पर हैं.
कुल 10 सुधार क्षेत्रों से जुड़े कार्ययोजना में 58 नियामकीय प्रक्रियाएं, नीतियां, गतिविधियां या कार्यप्रणाली शामिल हैं. ये मुख्य रूप से एकल खिड़की मंजूरी, कर सुधार, श्रम एवं पर्यावरण सुधार, विवाद समाधान तथा निर्माण परमिट हैं. पिछले साल के सूचकांक में गुजरात शीर्ष स्थान पर था. आंध्र प्रदेश दूसरे तथा तेलंगाना तीसरे स्थान पर था.
वर्ष 2016 के ताजा सूचकांक के तहत व्यापार के लिये बेहतर माहौल उपलब्ध कराने वाले शीर्ष 10 राज्यों की सूची में झारखंड (सातवें), राजस्थान (आठवें), उत्तराखंड (नौवें) तथा महाराष्ट्र (10वें) स्थान पर शामिल हैं. अन्य प्रमुख राज्यों में ओड़िशा 11वें स्थान पर रहा. उसके बाद क्रमश: पंजाब, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु तथा दिल्ली का स्थान है.
'व्यापार सुधार के क्रियान्वयन में राज्यों का आकलन, 2016' शीर्षक से जारी रिपोर्ट में ये रैंकिंग दी गई है. यह रिपोर्ट विश्वबैंक ने डीआईपीपी के साथ मिलकर तैयार की गई है. इसका मकसद घरेलू के साथ-साथ विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए व्यापार माहौल में सुधार को लेकर राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है. विश्वबैंक की व्यापार सुगमता पर ताजा रिपोर्ट में 190 देशों की सूची में भारत 130वें स्थान पर रहा जो पिछले साल की मूल रैंकिंग के बराबर ही है. हालांकि पिछले साल की रैंकिंग को संशोधित कर 131 कर दिया गया है. इस लिहाज से भारत की स्थिति एक अंक सुधरी है.