बसें चले बिना ही चल गयी कांग्रेस की सियासी बस
सन्देश तलवार
उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने की कांग्रेस की मंशा भले ही अधूरी रह गई हो लेकिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के इस बयान ने देश की जनता पर एक गहरा असर छोड़ा है|
प्रदेश के कुछ आला अफसरों ने जानबूझकर मुख्यमंत्री योगी की सोच को दिशाहीन कर बसों को सियासत की आग में झोंक कर इस सुंदर प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया लेकिन कांग्रेस जनता को जो संदेश पहुंचाना चाहती थी वह उस तक पहुंच गया है|
भले ही यह बसें 4 दिनों तक मजदूरों के इंतजार में बॉर्डर पर खड़ी रही हो लेकिन बिना चले ही इन बसों ने प्रदेश के करोड़ों मजदूर और कामगारों के दिलों में अपनी गहरी जगह बना कर उनका दिल जीत लिया|
कांग्रेस के सीनियर लीडर के मुताबिक अगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगर बसों को चलने की अनुमति देते तो कांग्रेस को शायद इतनी तारीफ नहीं मिलती जितना कि बिना इजाजत के उन्हें मिल गई|
कांग्रेस की बिना चले ही यह बसें कुछ ऐसा दौड़ी के इसने योगी सरकार को लपेटे में लेकर कई घाव दे दिए| इसमें प्रमुख रूप से दलित व पिछड़ी जातियों के निर्मल वर्ग व दबे कुचले लोगों के मन में एकबार फिर स्थान हासिल कर उनके दिलों में घर कर जाना शामिल है जो कभी कांग्रेस का एक मजबूत वोट बैंक था
यही नहीं उच्च बिरादरी के रहमदिल लोगों के मनों के मैंल को भी कांग्रेस कुछ हद तक इनमें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की गिरफ्तारी की चोट बीजेपी को देर तक दर्द देने वाली है|