पिछले साल पूरी दुनिया में कुल 3.3 करोड़ लोग हुए विस्थापित
नई दिल्ली: पिछले वर्ष 2019 के दौरान दुनिया भर में भारत में सबसे ज्यादा 50 लाख से ज्यादा लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए, यानी उन्हें देश में ही प्राकृतिक आपदा, संघर्ष और हिंसा के चलते एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर पलायन करना पड़ा। संयुक्त राष्ट्रकी रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में फिलीपींस, बांग्लादेश और चीन में भी बड़ी संख्या में विस्थापित हुए।
यूएन चिल्ड्रिंस फंड (यूनिसेफ) द्वारा जारी रिपोर्ट लॉस्ट एट होम में कहा गया है कि पिछले साल पूरी दुनिया में कुल 3.3 करोड़ लोग विस्थापित हुए। इनमें से 2.5 करोड़ प्राकृतिक आपदा और 85 लाख लोग संघर्ष और हिंसा के चलते विस्थापित हुए। इनमें 1.20 करोड़ बच्चों को अपना घर छोड़कर जाना पड़ा। 38 लाख बच्चों को हिंसा और संघर्ष के कारण बेघर होना पड़ा जबकि 82 लाख लोग प्राकृतिक आपदाओं के कारण विस्थापित हुए।
भारत, फिलीपींस, बांग्लादेश और चीन में प्राकृतिक आपदाओं के कारण लाखों लोगों को अपना घर छोड़ने को मजबूर होना पड़ा। आपदा के कारण विस्थापित हुए लोगों में इन चार देशों का योगदान 69 फीसदी रहा। मौसम में भारी बदलाव आने के कारण तूफान और बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया। पूरी दुनिया में मौसम संबंधी आपदाओं से 82 लाख बच्चों को अपना घर छोड़कर जाना पड़ा।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 50,37,000 लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए। इनमें से 50,18,000 लोगों को प्राकृतिक आपदा के कारण घर छोड़ना पड़ा जबकि 19,000 लोग संघर्ष और हिसा के कारण बेघर हुए। फिलीपींस में 42.7 लाख लोग प्राकृतिक आपदा, संघर्ष और हिंसा के कारण विस्थापित हुए। बांग्लादेश में 40.8 लाख और चीन में 40.3 लाख लोग बेघर हुए।
रिपोर्ट का कहना है कि बीते वर्ष 2019 में पिछले किसी भी साल से ज्यादा बच्चे अपने ही देश में बेघर हुए। वर्ष 2019 के अंत तक कुल 4.6 करोड़ लोग हिंसा और संघर्ष के कारण अपने ही देश में बेघर हैं। इनमें से 1.9 करोड़ बच्चे भी शामिल हैं। पिछले किसी भी वर्ष के मुकाबले यह संख्या रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। उनके कोविड-19 का संक्रमण होने का खतरा और ज्यादा है। कोरोना वायरस की महामारी ने इन लोगों के लिए स्थितियां और गंभीर कर दी हैं।