देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था में हैं खामियां
पठानकोट हमले पर संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट
नई दिल्ली: पठानकोट हमले पर संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट आ गई है। इसमें सुरक्षा व्यवस्था को लचर बताया गया है। यह भी कहा गया है कि सुरक्षा व्यवस्था अभी भी ठीक नहीं है। समिति ने कहा कि देश में आतंकरोधी गतिविधि में लगे सुरक्षा तंत्र में गंभीर खामी है।
समिति ने कहा कि जांच एजेंसियों को एसपी सलविंदर सिंह से एक बार फिर पूछताछ करनी चाहिए थी, जो नहीं हुई। समिति के प्रमुख प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि पठानकोट में सुरक्षा-व्यवस्था खराब थी। एसपी पठानकोट की गतिविधि संदिग्ध थी। उनसे सवाल-जवाब ठीक से नहीं हुए।
कहा जा रहा है कि विपक्ष इस मुद्दे के जरिए पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला कर सकता है। कारण यह भी है कि पीएम मोदी के करीबी अजित डोभाल इस ऑपरेशन के प्रमुख थे और सीधे तौर पर जुड़े रहे थे। यह रिपोर्ट आने के बाद विपक्षी दल सरकार पर भी हमला कर सकते हैं। वे संसद में इस मसले पर बहस की मांग कर सकते हैं।
बता दें कि सरकार यह कह सकती है कि पहले सत्र में इस मुद्दे पर चर्चा हो चुकी है, लेकिन फिर भी विपक्ष सरकार से और जवाब की मांग कर सकता है।
भारत ने इसी वर्ष 2 जनवरी को पठानकोट के एयरफोर्स बेस में हुए आतंकी हमले की जांच के लिए सबूत एकत्र करने अपनी एक जांच टीम को पाकिस्तान भेजने का फैसला किया है। इस आतंकी हमले में सेना के सात जवान शहीद हुए थे।
भारत ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को इस आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया था। आतंकियों ने सीमा पार करके पंजाब में प्रवेश किया था और फिर दो कारों से एयरबेस पहुंचे थे। इन दो कारों में से एक टैक्सी ड्राइवर से और दूसरी एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से छीनी गई थी। भारत का कहना है कि जैश प्रमुख मौलाना मसूद अजहर इस हमले का मास्टरमाइंड था।