पर्यटन को बढ़ावा देने के सारे प्रयास कर रही है यूपी सरकार: नवनीत सहगल
अयोध्या के क्वीन-हो मेमोरियल प्रोजेक्ट पर प्रमुख सचिव पर्यटन की कोरियाई अधिकारियों से मुलाकात
लखनऊ: प्रदेश के प्रमुख सचिव एवं महानिदेशक पर्यटन नवनीत सहगल से आज यहां कोरिया सरकार एवं नई दिल्ली स्थित कोरिया दूतावास के अधिकारियों ने मुलाकात कर अयोध्या में स्थित क्वीन-हो मेमोरियल के सौन्दर्यीकरण एवं विस्तार हेतु विस्तृत चर्चा की। चर्चा के दौरान इस मेमोरियल के लिए कार्य योजना भी सुनिश्चित की गई। इस अवसर पर प्रमुख सचिव ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के सारे प्रयास कर रही है।
इस परियोजना की संरचना हेतु कोरिया सरकार के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय तथा नई दिल्ली स्थित कोरिया दूतावास के 8 अधिकारियों के दल द्वारा कल (28 अप्रैल, 2016) कोे अयोध्या का विस्तृत स्थलीय भ्रमण एवं सर्वेक्षण का कार्य सम्पादित किया गया और तदुपरान्त लखनऊ में प्रमुख सचिव एवं महानिदेशक, पर्यटन नवनीत सहगल के साथ बैठक की गयी। अयोध्या में सरयू नदी के किनारे पर्यटन विभाग की लगभग 30 एकड़ भूमि है, जिसमें क्वीन-हो मेमोरियल, अरबन हाट योजना, रामकथा पार्क एवं अन्तर्राष्ट्रीय संग्रहालय स्थित हैं। यहाँ पर मेमोरियल से सटी पर्यटन विभाग की काफी भूमि मौजूद है, जिसमें लगभग 16,500 वर्ग मीटर क्षेत्र में मेमोरियल सम्बन्धी परियोजना को क्रियान्वित करने की योजना है।
इस योजना के लिये स्थानीय सर्वे रिपोर्ट, स्वाॅयल टेस्टिंग एवं अन्य मूलभूत सूचनाएं पर्यटन विभाग द्वारा 15 मई, 2016 तक कोरिया के अधिकारियों को उपलब्ध करायी जायेंगी, जिसके पश्चात कोरिया सरकार द्वारा डिजाइन डेवलेपमेन्ट हेतु अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के माध्यम से डिजाइन करने वाली एजेन्सी का चयन किया जायेगा। इस एजेन्सी को तय किये जाने हेतु ज्यूरी के सदस्य के रूप में उ0प्र0 सरकार के सम्बन्धित अधिकारी को भी आमंत्रित किया जायेगा। अगस्त, 2016 के अन्त तक डिजाइन फाइनल कर लिया जायेगा तथा डी0पी0आर0 बनाने का कार्य दिसम्बर, 2016 तक पूर्ण कर लिया जायेगा।
परियोजना का कार्य माह फरवरी, 2017 में शुभारम्भ करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना की लागत डिजाइन एवं डी0पी0आर0 बनने के उपरान्त स्पष्ट हो सकेगी। परियोजना की लागत का वहन उ0प्र0 सरकार द्वारा किया जायेगा तथा इस परियोजना के डिजाइन एवं सुपरविजन आदि पर होने वाले व्यय का वहन कोरिया सरकार द्वारा किया जायेगा।
इस बैठक में नई दिल्ली स्थित कोरिया दूतावास के कल्चरल सेन्टर के डायरेक्टर किम-कुम-प्यांग एवं कोरिया सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय के सहायक निदेशक किम-सुंग-क्युम सहित कोरिया के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
बैठक में ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय के आर्किटेक्चर फैकेल्टी की प्रोफेसर के अलावा आर्किटेक्ट कार्तिकेय सक्सेना भी उपस्थित थे। साथ ही, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की ओर से अनूप कुमार श्रीवास्तव, उपनिदेशक पर्यटन, क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी, फैजाबाद बी0पी0 सिंह एवं अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डाॅ0 वाई0पी0 सिंह प्रमुख रूप से मौजूद थे।
ऐसी मान्यता है कि अयोध्या की राजकुमारी द्वारा लगभग 2,000 वर्ष (सन् 48 ई0) पूर्व जलमार्ग से अयोध्या से कोरिया की यात्रा की गई थी, जहाँ उनका विवाह वहाँ के स्थानीय राजा किम सूरो के साथ हुआ और राजकुमारी का नाम हू-वांग-आक पड़ा। राजकुमारी हू-वांग-आक एवं राजा किम सूरो से करक वंश की स्थापना हुई। वर्तमान समय में कोरिया के अन्दर उक्त वंश के लगभग 70 लाख लोग हैं, जो अपना पैतृक उद्गम इसी वंश से मानते हैं। भारत और कोरिया के मध्य सांस्कृतिक सम्बन्धों को मजबूत करने और बढ़ावा देने के उद्देश्य से अयोध्या में रानी हू के एक मेमोरियल का निर्माण वर्ष 2001 में कराया गया था। वर्तमान संदर्भाें में इस मेमोरियल के अग्रेत्तर सौन्दर्यीकरण एवं विस्तार की योजना विचाराधीन है। इस योजना से जहाँ भारत एवं कोरिया के सांस्कृतिक सम्बन्ध प्रगाढ़ होंगे, वहीं पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।