सूखे पर की मोदी ने मन की बात
नई दिल्ली: नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महीने मन की बात में सूखे के संकट पर अपने विचार रखे और कहा कि जल संकट से निपटने के लिए सामूहिक प्रयत्नों की जरूरत है। पीएम ने अपनी बात शुरू करते हुए कहा कि भयंकर गर्मी ने चारों तरफ सारा मज़ा किरकिरा कर दिया है।लातूर में भारतीय रेल की पानी पहुंचाने की मुहिम की तारीफ की। साथ ही देशवासियों से अपील की कि इस बार बारिश में आप सभी खूब पानी बचाएं।
मोदी ने उन किसानों का धन्यवाद दिया जिन्होंने पानी बचाने के लिए फसलों को बदल दिया। गन्ना बहुत पानी लेता है, इसलिए कई किसानों ने फसल ही बदल दिया। उन्होंने फलों की खेती शुरू कर दी।
पानी की कमी पर बोलते हुए मोदी ने कहा, अहमदनगर में सराहनीय कदम उठाया गया। उन्होंने कहा कई नागरिक इस क्षेत्र में सराहनीय प्रयास कर रहे हैं। लातूर में भारतीय रेल द्वारा पानी पहुंचाने की भी जमकर तारीफ की। मप्र के एक देवास गांव में लोग छोटे छोटे तालाब बनाकर पानी का संचय कर रहे हैं। हमें गांव गांव पानी बचाने के लिए अभी से अभियान चला सकते हैं। इस बार पानी 106-110 मिलीलीटर वर्षा होने की उम्मीद है। जब वर्षा शुरू होगी तो अगर हम सभी पानी रोकने का संकल्प उठाएं तो पानी के भीषण संकट से बच सकते हैं।
धार्मिक आस्था के लोगों के लिए गंगा मोक्षदायिनी है पर मेरी नजर में ये जीवन दायिनी है। ये देश को गति देती है। हमें इस गंगा को बचाने के लिए करोड़ों भागीरथी की जरूरत है। गंगा तट पर बसे राज्यों और शहरों से सहयोग लिया जा रहा है।
पंचायती राज व्यवस्था को लोकतांत्रिक व्यवस्था की अहम कड़ी है। 14 अप्रैल से 24 अप्रैल तक ग्रामोदय से भारत उदय अभियान चलाया गया। आज मैं झारखंड में जहां आदिवासी भाई बहन रहते हैं, जा रहा हूं। सभी पंचायती प्रतिनिधियों से मैं सीधे बात करूंगा।
पिछले कई चुनावों में ये चर्चा होती थी कि कौन पार्टी कितने गैस सिलेंडर देगी। मैं देशवासियों को हिसाब देते हुए अच्छा मससूस कर रहा हूं कि मैंने तीसरा रास्ता चुना। मैंने जनता पर भरोसा करते हुए यूं ही कहा था कि आप गैस सब्सिडी क्यों नहीं छोड़ देते। आज मुझे नाज हो रहा है कि करीब 1 करोड़ परिवारों ने गैस सिलेंडर सब्सिडी छोड़ दी। इसमें कई निम्न मध्यम वर्गीय परिवार भी हैं। 80प्रतिशत लोग ऐसे थे जिन्होंने एजेंसी पर जाकर लाइन लगाकर गैस सब्सिडी छोड़ने का फार्म भरा। बड़ी बात है।