‘उ0प्र0 राज्य वरिष्ठ नागरिक नीति’ मंज़ूर 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद द्वारा ‘उत्तर प्रदेश राज्य वरिष्ठ नागरिक नीति’ को अनुमोदित कर दिया गया है। इस नीति के तहत राज्य में वरिष्ठ नागरिकों के हितों की सुरक्षा हेतु विभिन्न क्षेत्रों में कार्य किए जाएंगे। वृद्धाश्रमों की स्थापना की जाएगी। नवीन योजनाओं के मास्टर प्लान में एक ही परिसर में वृद्धाश्रम व अनाथालय के निर्माण तथा संचालन हेतु भूमि का आरक्षण, स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा एक ही परिसर में वृद्धाश्रम एवं अनाथालय के निर्माण तथा संचालन के लिए प्रस्ताव प्राप्त होने पर भूमि उपलब्ध कराने की व्यवस्था तथा वृद्धाश्रम व अनाथालय के संचालन हेतु भवन निर्माण कर, प्रतिष्ठित स्वयंसेवी संस्थाओं को संचालन के लिए उपलब्ध कराएंगे। 

ऐसे वृद्धाश्रमों में कम से कम 25 प्रतिशत सीटें बी0पी0एल0 श्रेणी के वरिष्ठ नागरिकों हेतु आरक्षित की जाएगी और इन्हें निःशुल्क आवासीय सुविधा एवं भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण नियमावली, 2014 के अन्तर्गत स्थापित वृद्धाश्रमों के रख-रखाव एवं संचालन हेतु नियमानुसार चयनित स्वयं सेवी संस्थाओं को अनुदान दिया जाएगा। ऐसे वृद्धाश्रमों में अशक्त एवं असहाय वरिष्ठ नागरिकों को आवासीय एवं भोजन आदि की व्यवस्था निःशुल्क प्रदान की जाएगी। 

वरिष्ठ नागरिकों के कल्याणार्थ प्रदेश में विभिन्न संस्थाओं द्वारा संचालित सभी प्रकार के वृद्धाश्रमों से सम्बन्धित नीति विषयक प्रकरणों के निर्धारण, अनुश्रवण व अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु समाज कल्याण विभाग के अन्तर्गत एक वृद्धाश्रम नियामक इकाई का गठन किया जाएगा। जिसकी अध्यक्षता निदेशक समाज कल्याण करेंगे तथा विभागीय संयुक्त निदेशक इसके सदस्य सचिव/संयोजक होंगे। वरिष्ठ नागरिकों को आवास-क्रय एवं वृहद् मरम्मत हेतु सहजतापूर्वक कम दर पर ऋण प्रदान करने तथा किश्तें अदा करने की व्यवस्था की जाएगी। वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर उपलब्ध कराई जाएंगे।

वृद्धावस्था पेंशन की धनराशि में राज्य सरकार द्वारा राज्यांश में 100 रुपए प्रतिमाह की वृद्धि करते हुए वृद्धावस्था पेंशन की धनराशि 400 रुपए प्रतिमाह दिनांक 01 अप्रैल, 2016 से की जाएगी। वरिष्ठ नागरिकों को जीवन एवं सम्पत्ति की सुरक्षा प्रदान करने के लिए ‘वरिष्ठ नागरिकों हेतु हेल्पलाइन’ की स्थापना प्रदेश सरकार द्वारा की जाएगी। निरक्षर वरिष्ठ नागरिकों को साक्षर बनाने का कार्य किया जाएगा तथा वरिष्ठ नागरिकों को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित एवं जागरूक किया जाएगा। स्कूल, काॅलेजों में ‘दादा-दादी एवं नाना-नानी दिवस’ मनाए जाएंगे, जिसमें परिवार के वरिष्ठ नागरिकों को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा और उनकी रुचि के अनुसार कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए मनोरंजन केन्द्रों, बहुउद्देशीय नागरिक सेवा केन्द्रों, डे-केयर सेण्टर, बहुउद्देशीय मनोरंजन केन्द्रों एवं अल्पकालिक निवास केन्द्रों का गठन स्थानीय निकायों द्वारा आवश्यकतानुसार किया जाएगा। विभिन्न मनोरंजक कार्यक्रमों, सांस्कृतिक व सामाजिक कार्यक्रमों, मेलों, प्रदर्शनी, पार्कों आदि में भाग लेने हेतु वरिष्ठ नागरिकों को प्रवेश निःशुल्क या रियायती दर पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाएगी। तहसील दिवस/थाना दिवस आदि में वरिष्ठ नागरिकों से प्राप्त प्रार्थना पत्रों/शिकायतों का निस्तारण प्राथमिकता पर किया जाएगा एवं इसकी अलग से समीक्षा सम्बन्धित जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा की जाएगी।

वरिष्ठ नागरिकों में विशेषकर वृद्ध महिलाओं को विधिक सहायता निःशुल्क एवं उनके निवास पर ही उपलब्ध कराई जाएगी तथा विभिन्न आवासीय योजनाओं में आरक्षण के अन्तर्गत वरिष्ठ महिलाओं को प्राथमिकता प्रदान की जाएगी। 

वरिष्ठ नागरिकों के लिए राज्य स्तर पर ‘वरिष्ठ नागरिक कल्याण निधि’ की स्थापना की जाएगी। इस निधि में सरकार, निजी क्षेत्र की कम्पनियों, ट्रस्टों, धर्मार्थ संस्थाओं व निजी व्यक्तियों से प्राप्त सहायता अथवा दान राशि जमा कराई जाएगी तथा ऐसी धनराशि को कर मुक्त किया जाएगा। निधि में प्राप्त धनराशि का उपयोग शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया को ध्यान में रखकर किया जाएगा। निधि की स्थापना/शुरुआत राज्य सरकार के 5 करोड़ रुपए के योगदान से की जाएगी।

प्रदेश में ‘उत्तर प्रदेश वरिष्ठ नागरिक नीति’ के अन्तर्गत वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण हेतु संचालित कार्यक्रमों एवं प्रदान की जाने वाली सेवाओं के क्रियान्वयन हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अन्तर्विभागीय समिति का गठन किया जाएगा। वरिष्ठ नागरिकों के हितों से सम्बन्धित इस नीति के सम्यक कार्यान्वयन हेतु निदेशालय समाज कल्याण के अन्तर्गत ‘उत्तर प्रदेश राज्य वरिष्ठ नागरिक नीति प्रकोष्ठ’ का गठन किया जाएगा। वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं को समुचित स्तर पर अध्ययन कर समस्या का निदान करने तथा तद्विषयक कार्यक्रमों के क्रियान्वयन हेतु जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में ‘जनपद स्तरीय वरिष्ठ नागरिक समिति’ का गठन किया जाएगा। प्रदेश स्तर पर ‘उत्तर प्रदेश राज्य वरिष्ठ नागरिक काउन्सिल’ का गठन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में किया जाएगा।