अमेरिकी आयोग को भारत ने नहीं दिया वीज़ा
वाशिंगटन: भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर चर्चा करने और इस पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए भारत यात्रा पर आने वाले एक अमेरिकी आयोग को भारत सरकार ने वीजा देने से इनकार कर दिया है।
अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) के तीन सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल भारत के सरकारी अधिकारियों, धार्मिक नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए एक सप्ताह की भारत यात्रा पर आना चाहता था। यह यात्रा आज से शुरू होनी थी।
यूएससीआईआरएफ के अध्यक्ष रॉबर्ट पी जॉर्ज ने एक बयान में कहा, ‘‘हम भारत सरकार की ओर से वीजा के लिए इनकार किए जाने पर बेहद निराश हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक बहुलतावादी, पंथ-निरपेक्ष और लोकतांत्रिक देश और अमेरिका के करीबी सहयोगी होने के नाते भारत को हमें यात्रा करने की अनुमति देने का विश्वास रखना चाहिए।’’
यह पहली बार नहीं है जब यूएससीआईआरएफ के सदस्यों को वीजा नहीं जारी किए गए। विश्वभर के देशों में धार्मिक स्वतंत्रता पर वार्षिक रिपोर्ट तैयार करने वाले सदस्यों को पहली बार पिछले संप्रग शासन के दौरान भी वीजा देने से इनकार कर दिया गया था।
जॉर्ज ने कहा कि यूएससीआईआरएफ कई देशों में यात्रा करता रहा है और इनमें पाकिस्तान, सउदी अरब, वियतनाम, चीन और बर्मा जैसे देश भी शामिल रहे हैं, जो धार्मिक स्वतंत्रता का सबसे ज्यादा हनन करने वाले देशों में हैं। जॉर्ज ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि भारत सरकार इन देशों की तुलना में ज्यादा पारदर्शिता उपलब्ध कराएगी और अपने विचार सीधे यूएससीआईआरएफ तक पहुंचाने के अवसर का स्वागत करेगी।’’
यूएससीआईआरएफ का प्रतिनिधिमंडल आज रवाना होने वाला था और इसके लिए उसे विदेश मंत्रालय और नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास का समर्थन प्राप्त था।
यूएससीआईआरएफ की प्रमुख कर्तव्यों में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार नियमों के नजरिए से देखते हुए तथ्यों, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघनों की परिस्थितियों की समीक्षा करना और राष्ट्रपति, विदेश मंत्री एवं कांग्रेस को नीति संबंधी सिफारिशें देना शामिल है।
उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2014 के बाद से भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थितियों में गिरावट आने की खबरें धार्मिक समुदायों, नागरिक समाज समूहों और गैर सरकारी संगठनों की ओर से आने के मद्देनजर यूएससीआईआरएफ भारत की यात्रा की कोशिश जारी रखेगा।’’ यूएससीआईआरएफ अमेरिकी संघीय सरकार का एक स्वतंत्र, द्विदलीय आयोग है। इसके आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति और कांग्रेस के दोनों सदनों के नेता करते हैं।